अलकायदा आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद पाकिस्तान की आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए चीन ने उसके आतंकवाद निरोधक प्रयासों का जोरदार समर्थन किया. इसी के साथ चीन ने और सहायता उपलब्ध कराकर उसके इस सहयोगी के साथ आतंकवाद निरोधक सहयोग मजबूत करने का अमेरिका से आह्वान भी किया.
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जियांग यू ने कहा, ‘पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक सहयोग के मोर्चे पर बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया है और बहुत बड़ी कुर्बानियां दी हैं.’ इसी बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने चीन को अपना सबसे अच्छा दोस्त बताते हुए वहां की महत्वपूर्ण यात्रा शुरू की है.
ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद पाकिस्तान की हो रही आलोचनाओं को नजर अंदाज करते हुए जियांग ने कहा, ‘चीन आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के प्रयासों का दृढ़ रूप से सतत समर्थन करता रहेगा. हम मानते हैं कि आतंकवाद से बचाव और उसका मुकाबला करना अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के समक्ष साझी चुनौती है.’
जियांग ने अमेरिका का सीधा नाम लिए बगैर कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को आपस में हाथ मिलाकर इस चुनौती से एकसाथ निबटना चाहिए. हम उम्मीद करते हैं कि प्रासंगिक देश इस संबंध में पाकिस्तान के साथ सहयोग करेंगे तथा उसे और सहयोग करेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘दरअसल पाकिस्तान आतंकवाद से पीड़ित है.’ गिलानी की चीन यात्रा से पहले जियांग का यह बयान आया है. पाक प्रधानमंत्री अपनी इस यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ और प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ से बातचीत करेंगे. बातचीत में तालिबान और अन्य आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई के लिए पाकिस्तान पर अमेरिकी दबाब का मुद्दा उठेगा. गिलानी की चीन यात्रा अमेरिकी सांसद जॉन कैरी की यात्रा के तत्काल बाद हो रही है.
कैरी ने अपनी यात्रा के दौरान पाकिस्तान नेतृत्व को तालिबान नेताओं पर कार्रवाई के लिए कड़ा संदेश दिया था और आतंकवाद निरोधक प्रयास के तहत पाकिस्तान की दी जाने वाली सहायता के खिलाफ अमेरिका में बने माहौल से अवगत कराया था.
जियांग ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि गिलानी की यात्रा के दौरान चीन पाकिस्तान को इस मोर्चे पर कोई सहायता करेगा या नहीं लेकिन यह कहा कि चीन पाकिस्तान के साथ मित्रता एवं सहयोग और बढ़ाएगा. उन्होंने कहा, ‘हम द्विपक्षीय संबंध के बेहतर भविष्य के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने को इच्छुक हैं.’
इसी बीच, चीन में पाकिस्तान के राजदूत मसूद खान ने इन अटकलों का खंडन किया कि चीन के और करीब होने के पाकिस्तान के प्रयास से पाक-अमेरिका सहयोग प्रभावित होगा. उन्होंने कहा, ‘यह कोई किसी को फायदा तो किसी को नुकसान का खेल नहीं है बल्कि आतंकवाद एक साझा खतरा है जिससे हम सभी जूझ रहे हैं.’ खान ने ग्लोबल टाईम्स से कहा कि गिलानी की यात्रा से इस क्षेत्र में कुछ रणनीतिक बातें होंगी. लेकिन उन्होंने उसका खुलासा नहीं किया. गिलानी चार दिवसीय चीन यात्रा पर शंघाई पहुंचेंगे.