पाकिस्तान क्रिकेट की छवि को फिर झटका लगा जब लंदन की एक अदालत ने पूर्व टेस्ट कप्तान सलमान बट और तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ को स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों का दोषी पाया.
12 सदस्यीय जूरी ने बट को गलत तरीके से राशि स्वीकार करने का षड्यंत्र रचने और धोखाधड़ी का षड्यंत्र रचने का दोषी पाया जबकि आसिफ पर धोखाधड़ी का षड्यंत्र रचने का आरोप सिद्ध हुआ. साउथवर्क क्राउन कोर्ट में सुनवाई के 20वें दिन यह फैसला आया और जूरी को फैसले पर पहुंचने के लिए 16 घंटे तक चर्चा करनी पड़ी.
पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को हिलाने वाले इस प्रकरण में बट को सात साल तक की जेल का सामना करना पड़ सकता है. अब बंद हो चुके ‘न्यूज आफ द वर्ल्ड’ टेब्लायड के स्टिंग आपरेशन में खुलासा किया गया था कि इन दोनों ने कथित सट्टेबाज मजहर मजीद के साथ मिलकर इंग्लैंड के खिलाफ लार्डस टेस्ट में जानबूझकर नोबॉल फेंकने का षड्यंत्र रचा.
जूरी का फैसला चार में से तीन आरोपों पर दिया गया. आसिफ के गलत तरीके से राशि स्वीकार करने पर जूरी एकमत फैसला नहीं दे सकी. बट और आसिफ पर मजीद के साथ मुकदमा चलाया गया था. इन दोनों के होटल के कमरे से पिछले साल पुलिस ने छापा मारकर नकद राशि बरामद की थी जो कथित तौर पर सट्टेबाज ने दी थी.
इस साजिश में शामिल युवा तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर के खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया गया क्योंकि कथित तौर पर उन्होंने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया. आईसीसी ने इससे पहले इन तीनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बट को 10, आसिफ को सात और आमिर को पांच साल के लिए निलंबित किया. बट के 10 बरस में से पांच बरस निलंबित प्रतिबंध के हैं.