सरबजीत के घरवालों को ऐसा ही लग रहा है मानो उनके साथ किसी ने बहुत ही भद्दा मजाक किया हो. कुछ ही घंटे में उनकी खुशियां काफूर हो गई और उसकी जगह चिंता और दुख ने घेर लिया. हालांकि उनकी उम्मीदें कम नहीं हुई. सरबजीत के घरवालों को पूरा विश्वास है कि वो एक दिन जरूर रिहा होकर आएंगे.
पाक सरकार के एक बयान से सरबजीत के घरवालों की खुशियों पर मानो बिजली गिर पड़ी. जिन आंखों में खुशियों की चमक लौटी थी. उसे एक बार फिर उदासियों ने घेर लिया.
पाकिस्तानी जेल में बंद सरबजीत सिंह की न तो रिहाई होगी और ना ही उसकी सजा कम की गई है. इस खबर ने उसके घरवालों की खुशियों पर पानी फेर दिया.
रक्षाबंधन के आने से पहले मानो राखी का त्योहार बहन सरबजीत की बहन दलबीर के घर आया था. दलबीर कौर भाई की कलाई में राखी बांधने की तैयारी में थी. सरबजीत की रिहाई ना होने से उनहें झटका लगा लेकिन भाई की रिहाई की उम्मीद अभी कमजोर नहीं हुई.
दलबीर कौर ने सरबजीत की रिहाई के लिए दिन रात एक कर दिए थे. भाई के लिए पाकिस्तान जाकर राष्ट्रपति आसिफ अली जरादरी के सामने इंसाफ की अपील की. रिहाई के लिए दया याचिका भी दायर की. उन्हें इंसाफ का भरोसा भी मिला.
22 साल से सरबजीत की बीवी और उसकी दो बेटियों ने पिता को अपनी आंखों से नहीं देखा. सरबजीत की रिहाई की खबर पर किसी से गलती हुई या सियासत. पिता का इंतजार खत्म नहीं हुआ.
उम्मीद है कि पूरी दुनिया से उठ रही इंसाफ की आवाज और ताकतवर होगी. सरबजीत के परिवार की दुआओं का असर होगा और टूटने से बच जाएगी सरबजीत की जिंदगी की डोर.