केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ‘हाई पावर’ विशेषज्ञ समिति एवं जांच दल ने जिले की महेश्वर तहसील के हरस गांव का दौरा कर निरीक्षण किया.
सूत्रों ने बताया कि नर्मदा नदी पर बने इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर परियोजना के नहर निर्माण प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर रही समिति से ग्रामीणों ने शिकायत की. कुछ ग्रामीणों ने तो सिंचित क्षेत्र में नहर निर्माण को ही अनुचित बताया. महेश्वर जनपद पंचायत के पूर्व सदस्य संजय बरफा ने जांच दल को बताया कि नहरों का व्यवस्थित निकास नहीं किया गया है और कई स्थानों पर गलत दिशा से निकासी की गई है.
निरीक्षण के दौरान नर्मदा बचाओ आन्दोलन की नेता मेधा पाटकर भी मौजूद थी. मेधा ने भी ग्रामीणों की समास्याओं से जांच दल को अवगत कराया.
विशेषज्ञ समिति एवं जांच दल के अध्यक्ष बी पी दास, सचिव संचिता जिंदल के साथ महेश्वर के अनुविभागीय दण्डाधिकारी (एसडीएम) कैलाश बुंदेला और प्रदेश के जल संसाधन, नर्मदा घाटी विकास विभाग एवं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. यह दल बड़वानी, खरगोन एवं खण्डवा जिले के नहर निर्माण से प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर है.
समिति अध्यक्ष दास ने बताया कि फिलहाल हम अनुसंधान कर रहे हैं, जिसके बाद स्थिति स्पष्ट होगी.