ग्रेटर नोएडा के भट्टा पारसौल गांव में पुलिसकर्मियों द्वारा महिलाओं से बलात्कार किए जाने के कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के आरोपों पर सबूत जुटाने में नाकाम रहने के बाद महिला आयोग एक बार फिर इस काम में जुट गया है.
केन्द्रीय महिला और बाल कल्याण मंत्री कृष्णा तीरथ ने संसद को राष्ट्रीय महिला आयोग के हवाले से भट्टा पारसौल में बलात्कार की पुष्टि नहीं होने के बारे में बताया था लेकिन अनुसूचित जाति आयोग द्वारा इस मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों पर बलात्कार का मामला दर्ज करने का आदेश देने के बाद महिला आयोग फिर से सक्रिय हो गया है. आयोग की नवनियुक्त अध्यक्ष ममता शर्मा ने बताया कि अनुसूचित जाति आयोग के फैसले के बाद हमने इस मामले में पांच महिलाओं की कमेटी बनाई है.
पीड़ित महिलाएं कल आयोग में आई थीं और इस कमेटी ने उन्हें सुना. उन्होंने कहाकि यह कमेटी बैठक करने के बाद अब एक रिपोर्ट तैयार करेगी जिसके अनुसार आगे का फैसला किया जाएगा. कृष्णा तीरथ ने 12 अगस्त को संसद में एक लिखित जवाब में कहा था कि राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा गठित एक जांच समिति ने 12 मई को भट्टा पारसौल गांव का दौरा किया था और जांच समिति द्वारा बलात्कार के मामले की पुष्टि नहीं हुई.
इससे पहले अनुसूचित जाति आयोग अन्य पिछड़ा वर्ग की इन सात पीड़ित महिलाओं के हलफनामों और बयानों के आधार पर नोएडा एसएसपी से आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज करने के लिए कह चुका है.