उल्फा के कमांडर इन चीफ परेश बरुआ की अगुवाई वाले एवं वार्ता विरोधी धड़े ने प्रदेश में कांग्रेस मुख्यालय में हुए धमाके की जिम्मेदारी ली है और कहा है कि विस्फोट पार्टी को एक चेतावनी है.
मीडिया को भेजे ई-मेल में उल्फा ने कहा कि विस्फोट महज चेतावनी है और दो चरणों में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान भी वह अपने हमले जारी रखेगा.
उल्फा के परेश बरुआ धड़े ने कहा, ‘‘उल्फा को कमजोर संगठन दिखाने के कांग्रेस के प्रयास के बावजूद उल्फा अभी भी शक्तिशाली है और पहले की तरह कहीं भी हमला करने की क्षमता रखता है.’’
ई-मेल पर उल्फा के केंद्रीय प्रचार विंग के प्रभारी अरुणोदय देहोतिया के दस्तखत हैं. इसमें दावा किया गया है कि राजीव भवन पर किया गया धमाका सत्तारूढ़ कांग्रेस के असमी समाज को बांटने और असम को विदेशियों का ठिकाना बनाने की कथित योजना के विरोधस्वरूप अंजाम दिया गया.
उल्फा ने कांग्रेस नेताओं से यह कहने के लिए असम की जनता से माफी मांगने को भी कहा कि अगले 50 साल तक ‘गुप्त हत्या’ को चुनावी मुद्दा बनाया जाएगा. प्रफुल्ल कुमार महंत के शासनकाल में उल्फा नेताओं के परिजनों की कथित हत्या को स्थानीय मीडिया ने ‘गुप्त हत्या’ का नाम दिया है.