अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के संसद दौरे के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों को ‘शालीनता’ से पेश आने की सलाह दी गयी है. स्पीकर कार्यालय सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि स्पीकर कार्यालय ने नहीं बल्कि संसदीय कार्य मंत्रालय ने यह सलाह दी है.
गौरतलब है कि राष्ट्रपति बिल क्लिंटन द्वारा वर्ष 2000 में संसद सदस्यों को संबोधित करने के बाद सांसदों द्वारा किये गये व्यवहार की काफी आलोचना हुई थी. लोकसभा में मुख्य विपक्षी दल भाजपा के एक वरिष्ठ सदस्य अजरुन राम मेघवाल ने भाषा को बताया कि संसदीय कार्य मंत्रालय की ओर से सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को पिछले दिनों सलाह पत्र जारी किया गया जिसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के संसद आगमन और विशेष रूप से दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित किए जाने के दौरान सदस्य ‘शालीनता’ से पेश आएं और ‘शिष्टाचार’ को बनाए रखें.
यह सलाह पत्र पार्टी नेताओं को जारी किया गया हैं. उनसे यह सुनिश्चित कराने को कहा गया है कि संबंधित दलों के सांसद सदन में शालीनता बनाएं रखें तथा उनका आचरण संसद की गरिमा को बढ़ाने वाला हो.
पहले स्पीकर कार्यालय की ओर से सांसदों को इस प्रकार के दिशा निर्देश जारी किए जाने की संभावना थी लेकिन स्पीकर मीरा कुमार ने यह कहते हुए निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया था कि इससे सांसद आहत महसूस करेंगे. उनका कहना था कि सांसद परिपक्व और अनुभवी हैं तथा उन्हें पता है कि किस तरह से पेश आना है.
हालांकि स्पीकर कार्यालय सूत्रों ने यह जरूर स्वीकार किया कि क्लिंटन के दौरे के दौरान सांसदों द्वारा किए गए व्यवहार को लेकर मीडिया में आई कुछ रिपोटरें के बाद स्पीकर ने क्लिंटन के संबोधन की वीडियो रिकार्डिंग निकलवा कर देखी थी.
सूत्रों ने बताया कि वीडियो रिकार्डिंग से स्पीकर यह देखना चाहती थीं कि सांसदों के आचरण में कहीं कुछ आपत्तिजनक था या नहीं. मार्क्सवादी सांसद एम बी राजेश ने पालक्कड़ से फोन पर संपर्क करने पर ऐसे किसी निर्देश की जानकारी होने से इनकार करते हुए कहा कि कल दिल्ली पहुंचने पर ही उन्हें इस संबंध में विस्तृत जानकारी मिल सकती है. लेकिन अभी तक पार्टी की ओर से ऐसा कोई निर्देश उन्हें नहीं मिला है.
एक पार्टी नेता से यह पूछे जाने पर कि इन निर्देशों के मद्देनजर क्या सांसद अमेरिकी राष्ट्रपति से हाथ नहीं मिला पाएंगे, जैसा पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के संसद दौरे के दौरान हुआ था, तो इस पर उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
पिछले दिनों स्पीकर मीरा कुमार ने एक साक्षात्कार में ऐसे कोई दिशा निर्देश जारी किए जाने की संभावना से इनकार करते हुए कहा था कि ऐसा कदम उठाने की कोई जरूरत नहीं है और उन्हें विश्वास है कि सांसद बेहतर तरीके से पेश आएंगे.
उल्लेखनीय है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के सांसदों को संबोधित करने के बाद सेंट्रल हाल में बेहद अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया था. लोकसभा सचिवालय के रिकार्ड तक में यह बात दर्ज है कि उस समय तीन सौ सांसदों ने क्लिंटन से हाथ मिलाया था.