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एफडीआई की विरोधी पार्टियां संसद में दिखाएं एकजुटता: भाजपा

मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का विरोध कर रही भाजपा ने कहा कि जो भी राजनीतिक दल इसके खिलाफ हैं उन्हें अपना विरोध संसद में दिखाना चाहिए जिससे सरकार के इस निर्णय को निरस्त किया जा सके.

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मुरली मनोहर जोशी
मुरली मनोहर जोशी

मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का विरोध कर रही भाजपा ने कहा कि जो भी राजनीतिक दल इसके खिलाफ हैं उन्हें अपना विरोध संसद में दिखाना चाहिए जिससे सरकार के इस निर्णय को निरस्त किया जा सके.

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सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे सपा और बसपा द्वारा एफडीआई का विरोध करने के दावों पर वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा, ‘जो कोई भी इस फैसले के खिलाफ है उसे वास्तव में अपना विरोध उस समय दिखाना चाहिए जब संसद का सत्र चल रहा हो.’

उन्होंने कहा कि अगर सपा और बसपा का एफडीआई विरोध वास्तविक होगा तो सरकार इससे संबंधित विधेयकों को संसद में पारित नहीं करा पाएगी.

सरकार द्वारा संसद के अगले सत्र में बीमा क्षेत्र तथा पेंशन क्षेत्रों में एफडीआई संबंधी विधेयक लाने के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने कहा, ‘वे इसे नहीं ला सकती. सरकार के पास किसी कानून को लाने का नैतिक या राजनीतिक आधार नहीं बचा है.’

खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के बारे में जोशी ने कहा कि सरकार का यह दावा पूरी तरह गलत है कि एफडीआई आने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

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आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वॉल-मार्ट की सालाना बिक्री 420 अरब डॉलर की है और उसके यहां सिर्फ 25 लाख लोग काम करते हैं. वहीं दूसरी ओर भारत का खुदरा बाजार सालाना 400 अरब डॉलर का है और इसमें साढ़े चार करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है.

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