केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि देश में ऊंची खाद्य मुद्रास्फीति का कारण मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय जिंस बाजार में तेजी और देश में खाने पीने की कुछ वस्तुओं की मांग और आपूर्ति में बढ़ता फासला है.
पवार ने कृषि क्षेत्र पर एक सम्मेलन के बाद संवाददाताओं से अलग से कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और अन्य जिंसों के दाम उंचे चल रहे हैं. इसके अलावा देश में दूध, सब्जी, मांस और अंडा जैसे उत्पादों का उनकी मांग के अनुसार उत्पादन नहीं बढ़ रहा है.
पवार ने कहा, खाने पीने की कुछ चीजों के दाम इसलिए तेज हैं क्योंकि जिस तेजी से उनकी मांग बढ़ी है, उत्पादन उस रफ्तार से नहीं बढ़ रहा है. दूध, मांस, मछली और अंडा की मांग छह प्रतिशत सालाना के हिसाब से बढ़ रही है लेकिन उत्पादन तीन प्रतिशत की ही गति से बढ़ रहा है. हमें उत्पादन के इस रफ्तार में तेजी लानी होगी.
कृषि मंत्री ने कहा कि महंगाई इसलिए भी है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी कई जिंसों के दाम में तेजी है. कच्चा तेल, पेट्रोल, डीजल और कई धातुओं के दामों में अंतरराष्ट्रीय तेजी का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ रहा है.
वित्त मंत्री मुखर्जी ने पिछले दिनों कहा था, ‘पिछले तीन सप्ताह के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति चढ़ने का एक प्रमुख कारण अंडे, मीट, सब्जियों और दूध की मांग बढ़ना है.’ उल्लेखनीय है कि 22 अक्तूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति 12.21 प्रतिशत के उच्च स्तर पर पहुंच गई.