राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद ने नीतीश सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए कहा कि राज्य में कथित तौर पर जारी घपले, घोटाले और व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर जनता में काफी आक्रोश है और वे अब इस सरकार से छुटकारा पाना चाहते है.
पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी के आवास पर आज राजद के जिला अध्यक्षों की बैठक के बाद संवाददाताओं से लालू ने बिहार की नीतीश सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया और कहा कि राज्य में कथित तौर पर जारी घपले, घोटाले और व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर जनता में काफी आक्रोश है और वे अब इस सरकार से छुटकारा पाना चाहती है.
लालू ने कहा कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी की हार के बाद उन्होंने वर्तमान राजग सरकार के खिलाफ छह महीने तक कुछ भी नहीं बोलने और उसे जनता से किए वादे के मुताबिक काम करने की छूट दी. नीतीश सरकार को दोबारा सत्ता में आए छह महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन यह सरकार जनता से किए अपने वादे को पूरा करने में न केवल विफल रही है.
उन्होंने पूरे प्रदेश में घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार का बाजार गरम होने का आरोप लगाते हुए कहा कि इनको लेकर जनता में काफी आक्रोश है और वे अब इस सरकार से छुटकारा पाना चाहती है. लालू ने कहा कि संसद के अगले सत्र के बाद आगामी पूरे सितंबर महीने के दौरान वे बिहार के गांवों का दौरा कर प्रदेश में जारी कथित घपले, घोटाले और व्याप्त भ्रष्टाचार तथा राज्य सरकार की विफलता से जनता को अवगत कराएंगे और राज्य की जनता नीतीश सरकार को स्वयं धक्का देकर सत्ता से बेदखल कर देगी.
लालू ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में सत्ता में पुन: सत्ता में आयी नीतीश सरकार के खिलाफ अगले छह महीने तक कुछ भी नहीं बोलने और उनके दिल्ली में प्रवास को लेकर उनके विरोधियों ने यह कहकर उनके बारे में दुष्प्रचार करना शुरू कर दिया कि वे दिल्ली की संप्रग सरकार में शामिल होने की फिराक में हैं.
लालू ने कहा कि चार सांसदों वाली उनकी पार्टी में से किसी को कैसे कोई मंत्री बना सकता है. दिल्ली प्रवास के दौरान कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के साथ अपनी मुलाकात पर सफाई देते हुए लालू ने कहा कि इस दौरान राजद-लोजपा घटक और कांग्रेस के अलग-अलग चुनाव लड़ने के कारण पिछले विधानसभा में वोट के बिखराव सहित प्रदेश के अन्य मसलों पर चर्चा हुई. उनकी इस मुलाकात को लेकर उनके विरोधी उनकी छवि को धूमिल करने की नीयत गलत बयानी करते रहे.
लालू ने प्रदेश की वर्तमान नीतीश सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए दावा किया कि कहीं भी एक भी विकास का काम होता नहीं दिख रहा. उन्होंने कहा कि पिछली संप्रग के कार्यकाल के दौरान इस प्रदेश को भारत निर्माण के तहत सर्वशिक्षा अभियान, सड़क और अस्पताल निर्माण के लिए जो राशि हम लोगों ने मुहैया करायी थी उसका यह सरकार ठीक ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पायी और अब अपनी गलती और कमियों को छिपाने के लिए विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांगकर जनता को दिग्भ्रमित करने में लगी है.
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि वर्ष 2000 में बिहार से झारखंड के अलग होने के समय राज्य में सत्तासीन उनकी सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने और 80 हजार करोड़ रुपये के विशेष पैकेज दिए जाने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि उनकी इस मांग पर केंद्र की तत्कालीन राजग सरकार द्वारा बनायी गयी समिति का संयोजक सरकार में मंत्री रहे नीतीश कुमार को बनाया गया था पर वे तीन साल तक उक्त समिति की बैठक नहीं बुलाई.
लालू ने कहा कि अब अपनी सरकार की विफलताओं को छिपाने के लिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के लिए हस्ताक्षर अभियान का एक नया शिगूफा छोड़ा है और अपनी गलतियों का ठीकरा केंद्र सरकार के मत्थे फोड़ना चाहते हैं. उन्होंने बिहार में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं होने और पानी और बिजली सहित अन्य समस्याओं के आंदोलन करने वाले लोगों पर पुलिस द्वारा जुल्म ढाए जाने का आरोप लगाया.
लालू ने प्रदेश में बिआडा भूमि आवंटन, शराब घोटाले और 31 हजार करोड़ रुपये के एसी-डीसी बिल मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि कैग की रिपोर्ट के आधार पर जब 2जी स्पेक्ट्रम मामले की सीबीआई जांच हो सकती है ऐसे में नीतीश इन मामलों की सीबीआई की जांच करने से क्यों कतरा रहे हैं. राजद प्रमुख ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए नीतीश के मुंह से लार टपक रहा है और वह बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के लिए यह हस्ताक्षर अभियान 2014 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर चला रहे हैं.
लालू प्रसाद ने फारबिसगंज पुलिस गोलीबारी और कोसी त्रासदी को लेकर राज्य सरकार के न्यायिक जांच की घोषणा को दिखावा बताते हुए कहा कि सरकार ने जिम्मेदारियों से बचने और मामले को ठंडे बस्ते में डालने के लिए यह कदम उठाया है.
उन्होंने नीतीश कुमार पर अहंकार में डूबे होने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सत्ताधारी विधायकों और पार्टी नेताओं को नौकरशाहों द्वारा अपमानित किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ जहां केंद्र सरकार ने सांसद निधि में इजाफा किया है वहीं बिहार सरकार ने विधायक कोष को समाप्त कर उन्हें कार्यकर्ताओं से दूर कर दिया है.
राजद के घटक दल लोजपा से तीन एमएलसी के जदयू में जाने और उसके दो विधायकों द्वारा इस बारे में पत्र लिखकर दिए जाने पर लालू ने दावा किया कि प्रदेश में सत्ताधारी जदयू और भाजपा के बीच अंदर ही अंदर कुछ पक रहा है और नीतीश अब भाजपा से पिंड छुडाने की फिराक में लगे हैं.
राजद प्रवक्ता शकील अहमद खान और पूर्व विधान परिषद सदस्य रामवचन राय के पार्टी छोडकर जदयू में शामिल होने पर उन्हें शुभकामना देते हुए लालू ने अपने विधायकों के किसी भी टूट की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि इस तरह के ‘अवसरवादी’ लोग आते-जाते रहते हैं.
लोकपाल बिल को लेकर अन्ना हजारे और बाबा रामदेव के आंदोलन की चर्चा करते हुए लालू ने कहा कि हजारे जी उनसे दिल्ली में मिले थे. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी उक्त बिल के बारे में अपनी राय उसके संसद में पेश होने पर जाहिर करेगी.
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