बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार को देश का सबसे ज्वलंत मुद्दा बताते हुए सोमवार को कहा कि भारत की जनता विदेशों में जमा काला धन किन-किन लोगों का है, यह जानने की इच्छा रखने के साथ उसे देश में वापस लाए जाने के पक्ष में है.
पटना के एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित जनता दरबार के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए भ्रष्टाचार को देश का सबसे ज्वलंत मुद्दा बताते हुए कहा, ‘यहां का धन लूटकर कुछ लोग विदेशों में जमा किए हुए हैं, सब लोगों के मन में यही बात उठ रही है हमें उनका नाम जानना चाहिए और जो धन विदेश में जमा कराने के लिए भेजा गया है, वह वापस आना चाहिए.’
नीतीश ने भ्रष्टाचार को सबसे सबसे बड़ा और अहम मुद्दा बताते हुए कहा कि देश की जनता इस प्रश्न पर उद्वेलित है और उनमें काफी क्षोभ है. उन्होने कहा कि एक तरफ लोग जहां मंहगाई की मार से परेशान हैं वहीं दूसरी तरफ लोग भ्रष्टाचार से बिल्कुल ऊबे हुए हैं और तंग आ चुके हैं तथा इसको लेकर आए दिन जो खबरें आती हैं उससे लोग परेशान हैं. {mospagebreak}
नीतीश ने कहा कि और केंद्र में बैठे लोगों को दीवार पर लिखी इबारत को समझना चाहिए और अभी से भी इसके खिलाफ कारगर कार्रवाई करनी चाहिए. एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर देश की जनता के बीच आक्रोश जरूर है पर मिस्र और भारत में फर्क है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘यहां जनता के हाथ में सबसे बड़ी ताकत है और सत्ता में परिवर्तन जनता वोट के जरिए करती है. मिस्र जैसे हालात यहां उत्पन्न होने के बारे में नीतीश ने कहा कि भारत में कोई यह नहीं कह सकता कि हम जबर्दस्ती सत्ता में बने रहेंगे.
उन्होंने कहा कि भारत में नियमित रूप से चुनाव होता है इसलिए वह संकट नहीं है लेकिन विश्वास और भरोसे का संकट जरूर उत्पन्न हुआ है और अगर आज लोगों के मन में अविश्वास उत्पन्न हुआ है उसे दूर करना और फिर से विश्वास का मौहाल पैदा करना सत्ता में बैठे लोगों के ऊपर सबसे बड़ी जिम्मेवारी और दायित्व है. नीतीश ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग अगर ऐसा नहीं कर पाते हैं तो समय आने पर जनता अपना अमोघ अस्त्र (वोट) चलाएगी. {mospagebreak}
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में नीतीश ने कहा कि भ्रष्टाचार को खत्म करने के प्रति उनकी सरकार दृढ संकल्पित है और बिहार की विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) प्रदेश के खजाने पर कोई बोझ नहीं बल्कि वह अपना काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में 15 अगस्त को विशेष शाखा के गठन को लेकर उन्होंने घोषणा की थी और इसमें सीबीआई के सेवानिवृत्त अधिकारियों की बहाली अनुबंध पर की गयी है और वे अपना काम कर रहे हैं. अभी जो मामले उनके हाथ में उन्हें तार्किक परिणति तक पहुंचाने में वे लगे हुए हैं लेकिन इस बीच में हमारी इच्छा थी कि लोकसेवा आयोग से उसमें स्थायी नियुक्ति हो जाए पर वह नहीं हो पाया है क्योंकि सरकार के पास जो प्रस्ताव आए वह पुलिस विभाग से जुडे लोगों के आए थे.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैने कहा है कि अगर पुलिस विभाग से लोगों को लेना है तो कुछ लोगों को लिया जा सकता है लेकिन उसका कोर स्ट्रेंथ होना चाहिए और वे केवल उसी काम के लिए नियुक्त हों.’