गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की अगुवाई वाले भ्रष्टाचार निरोधक आंदोलन को कमजोर करने की कथित कोशिशों पर भाजपा नेता और सांसद मेनका गांधी जमकर बरसीं.
मेनका ने सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि हजारे के आंदोलन से देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ भड़की चिंगारी पर कुचक्रों के जरिये पानी डालने की पूरी कोशिश की जा रही है.
भाजपा सांसद ने एक कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हजारे के आंदोलन के दौरान कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार ने देखा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ भड़की चिंगारी कितनी जल्दी आग बन जाती है.’ मेनका ने कहा कि लोकपाल विधेयक पारित कराने के लिये सरकार को आंदोलनकारियों की ओर से 15 अगस्त तक का समय मिला है और अब इस चिंगारी पर पानी डालने की हरसंभव कोशिश की जा रही है.
उन्होंने किसी का नाम लिये बगैर कहा, ‘हजारे के भ्रष्टाचार निरोधक आंदोलन से जुड़े एक-एक व्यक्ति को पकड़कर उसके चरित्र पर हमला किया जा रहा है और उसे चोर बदमाश बताया जा रहा है, ताकि इस मुद्दे पर सरकार की चोरी और बदमाशी बरकरार रह सके.’
मेनका ने कहा, ‘जो लोग हजारे की अगुवाई वाले आंदोलन को बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं, मैं उन्हें देशद्रोही समझती हूं.’ उन्होंने लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिये गठित 10 सदस्यीय संयुक्त समिति में शामिल समाज के लोगों को ‘देश का सच्चा और ईमानदार नागरिक’ बताया.
एक सवाल पर भाजपा सांसद ने आशंका जतायी कि अगर हजारे के भ्रष्टाचार निरोधक आंदोलन के खिलाफ कथित कुचक्र जारी रहे तो लोकपाल विधेयक भी महिला आरक्षण विधेयक की तरह अटक सकता है.