उत्तर कोरिया ने नए परमाणु संयंत्र के निर्माण में अच्छी-खासी प्रगति कर ली है मगर उसके अगले दो से तीन साल तक काम करने की संभावना कम ही है.
संयंत्र का सेटेलाइट तस्वीर प्रसारित करने वाले वेबसाइट ने यह दावा किया है. प्योंगयांग की आधिकारिक संवाद समिति ने पिछले सप्ताह कहा कि योंगब्योंग परिसर में स्थित हल्के-पानी का संयंत्र जल्दी ही काम करना आरंभ कर देगा मगर उन्होंने इसकी तिथि नहीं बताई.
उत्तरी कोरिया का कहना है कि एक प्रायोगिक संयंत्र और उससे जुड़े यूरेनियम संवर्धन संयंत्र को बिजली आपूर्ति के लिए डिजाइन किया गया है लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि उसकी संरचना में बदलाव कर उसका इस्तेमाल परमाणु बम बनाने की सामग्री तैयार करने के लिए किया जा सकता है.