प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि वामपंथी चरमपंथ, सीमा पार आतंकवाद, धार्मिक कट्टरपंथ तथा जातीय हिंसा से उत्पन्न गंभीर खतरे और चुनौतियां अभी भी मौजूद हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, आतंकवाद और सांप्रदायिक हिंसा से मुकाबला करने के प्रयासों में कोई ढील नहीं दी जा सकती.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आतंकवाद और नक्सलवाद को देश के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया. हालांकि, उन्होंने कहा कि पहले की तुलना में अब धार्मिक हिंसा में कमी आई है.
प्रधानमंत्री ने पुलिस और नागरिकों के बीच के भरोसे की कमी की खाई को पाटने के लिए नई समुदाय आधारित नीति का भी सुझाव दिया.
प्रधानमंत्री मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर दिल्ली के विज्ञान भवन में बोल रहे थे.