प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2जी मुद्दे पर गृह मंत्री पी चिदंबरम के इस्तीफे की विपक्ष की मांग खारिज कर दी और स्पष्ट कर दिया कि वह अपने कैबिनेट के सभी सहकर्मियों का बचाव करेंगे.
चिदंबरम की जगह तिहाड का वही कमरा, जहां बंद हैं राजा: भाजपा
न्यूयार्क में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के साथ बैठक करने से पहले मनमोहन सिंह ने यह भी कहा कि विपक्ष की मांग में कुछ भी ‘असमान्य’ नहीं है और जोर देकर कहा कि इस बारे में उनके चिंतित होने का कोई सवाल नहीं है. संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि विपक्ष का काम सत्तारूढ दल का विरोध करना है.
नाराज चिदंबरम ने की थी इस्तीफे की पेशकश
प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजे गए वित्त मंत्रालय के 2जी ‘नोट’ के मद्देनजर चिदंबरम के इस्तीफे की जबरदस्त मांग पर सिंह से टिप्पणी करने को कहा गया था. इस ‘नोट’ ने राजनीतिक भूचाल ला दिया है. इसमें कहा गया है कि 2जी घोटाला रोका जा सकता था बशर्ते कि उस वक्त चिदंबरम के नेतृत्व वाले वित्त मंत्रालय ने स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए 2001 की कीमत की बजाय नीलामी का मार्ग चुना होता.
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यह पूछे जाने पर क्या वह विपक्ष की मांग को लेकर परेशान हैं, सिंह ने इसका नकारात्मक जवाब दिया. उन्होंने कहा, ‘मुझे क्यों परेशान होना चाहिए.’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह चिदंबरम की तरह मुखर्जी का समर्थन करेंगे, प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बेशक यह सभी मेरे मंत्री हैं. मुझे लगता है कि मंत्रियों को मेरा पूरा विश्वास प्राप्त है.’
क्या 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में नपेंगे चिदंबरम?
मुखर्जी के साथ रविवार को होने वाली अपनी बैठक में सिंह कुछ भी असमान्य नहीं देखते हैं. मुखर्जी न्यूयार्क पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘दुनिया में बहुत कुछ हो रहा है. वैश्विक आर्थिक संकट है. वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष-विश्व बैंक की बैठक में थे. इसलिए वह मुझे बताना चाहेंगे. इसलिए इन सबमें कुछ भी असमान्य नहीं है.’ मुखर्जी शनिवार रात न्यूयार्क पहुंचेंगे. इसके लिए उन्होंने अपने कार्यक्रम में बदलाव किया है लेकिन वह सभी काम पूरा कर के लौटेंगे.
चिदंबरम के बारे में हालिया विवाद के मद्देनजर सिंह और मुखर्जी के बीच पूरे 2 जी मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना है. बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री ने चिदंबरम का पूरा समर्थन किया था और मंत्रियों के बीच किसी तरह के मतभेद की बात को खारिज कर दिया था.