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टीम अन्‍ना के सदस्‍यों के फोन हो रहे हैं टैप: केजरीवाल

अन्ना हज़ारे पक्ष ने दावा किया कि उसके सभी सदस्यों के फोन टैप हो रहे हैं और उसने इस संबंध में गृह मंत्री या गृह सचिव से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.

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अन्ना हज़ारे पक्ष ने दावा किया कि उसके सभी सदस्यों के फोन टैप हो रहे हैं और उसने इस संबंध में गृह मंत्री या गृह सचिव से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.
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हज़ारे के आंदोलन ‘इंडिया अगेन्स्ट करप्शन’ अहम सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘टीम अन्ना के सभी सदस्यों के फोन टैप किये जा रहे हैं. हमें हमेशा से इस बात का एहसास था लेकिन इसका कोई सबूत नहीं था. बीते कुछ दिनों में हुई कुछ घटनाओं से हमारे संदेह की पुष्टि हो गयी है.’ केजरीवाल की ओर से जारी वक्तव्य के अनुसार, ‘बृहस्‍पतिवार को अन्ना के एक सहयोगी ने एक नोट पढ़कर मुझे सुनाया, जिसमें कहा गया था कि दिल्ली आने के बाद अन्ना कुछ समय के लिये राजघाट जाना चाहेंगे. सहयोगी चाहता था कि इस बात का खुलासा किसी से भी नहीं किया जाये क्योंकि हज़ारे वहां कुछ समय शांति के साथ बैठना चाहते हैं.’
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केजरीवाल ने कहा, ‘इस के तुरंत बाद हमारे दफ्तर में पुलिस की ओर से फोन आया और हमें अन्ना के राजघाट के दौरे के बारे में सभी विवरण देने को कहा गया. इस बात से हम पूरी तरह स्तब्ध रह गये.’ उन्‍होंने कहा, ‘कानून के अनुसार, सिर्फ उन्हीं लोगों के फोन टैप किये जा सकते हैं, जिनसे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो. क्या अन्ना और उनकी टीम के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा हो सकता है.’

केजरीवाल ने कहा, ‘मौजूदा कानून के अनुसार फोन टैप करने की अनुमति गृह सचिव देते हैं. क्या गृह सचिव या गृह मंत्री यह स्पष्ट कर सकते हैं कि क्या उन्होंने हमारे फोन को टैप करने की किसी एजेंसी को अनुमति दी है? अगर हां तो टीम अन्ना के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा को क्या खतरा है?’ उन्‍होंने कहा, ‘वास्तविक खतरा भ्रष्ट लोगों से है. दिलचस्प रूप से ये लोग वही हैं जिन्हें फोन टैप करने की मंजूरी देने या जांच करने के आदेश देने का अधिकार प्राप्त है.’
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केजरीवाल ने कहा, ‘गृह सचिव से मंजूरी मिलने के बाद भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी सहित कोई भी खुफिया एजेंसी फोन टैप कर सकती है. मौजूदा गृह सचिव के आका पी. चिदंबरम 2-जी घोटाले में अपनी कथित भूमिका के चलते संदेह के घेरे में हैं. निश्चित तौर पर कोई भी गृह सचिव अपने ही आका के खिलाफ जांच के लिये किसी एजेंसी को आदेश नहीं देगा.’ आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा, ‘हम यह मांग करते आये हैं कि लोकपाल के गठन के बाद इस तरह की (फोन टैपिंग की) मंजूरी गृह सचिव के बजाय लोकपाल की पीठ देगी. सरकार जाहिर कारणों के चलते इसका विरोध कर रही है.’

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