भाजपा द्वारा झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लेने के फैसले और कांग्रेस के ‘इंतजार करो और देखो’ की नीति अपनाने के साथ ही झारखंड में राजनीतिक अनिश्चितता बनी हुई है.
झारखंड को लेकर पार्टी की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के एक शीर्ष नेता ने कहा, ‘फिलहाल हम इस मसले में खुद को शामिल नहीं कर रहे हैं. हमसे न तो किसी ने बात की है और न ही हम कोई पहल कर रहे हैं.’ भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने गुरुवार को कहा कि पार्टी के विधायक राज्यपाल एम ओ एच फारूक से मिलकर शिबू सोरेन सरकार से समर्थन वापसी के फैसले से उन्हें अवगत कराएंगे.
इस बीच कांग्रेस के शीर्ष नेता ने इस बात से इनकार किया कि कटौती प्रस्ताव के दौरान लोकसभा में सोरेन का सरकार के पक्ष में मतदान करना सुनियोजित था. यह पूछने पर कि क्या सोरेन ने गलती से मत डाल दिया या फिर कांग्रेस ने उनसे इस बारे में बात की थी, उन्होंने कहा, ‘हमें खुद आश्चर्य है कि ऐसा कैसे हो गया.’ साथ ही कहा कि यह तो सोरेन ही बता सकते हैं कि यह सब कुछ कैसे हुआ. इस नेता ने राजनीतिक हलकों में चल रही इस बहस को भी खारिज कर दिया कि सोरेन को केन्द्र में मंत्री बनाने और झारखंड में कांग्रेस-झामुमो-जेवीएम की गठबंधन सरकार बनाने की कोई कोशिश हो रही है.
उन्होंने कहा, ‘कोई सवाल नहीं उठता. यह निराधार है. कांग्रेस और झामुमो के बीच कोई समझौता नहीं हुआ है.’ कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी इंतजार करो और देखो की नीति अपना रही है और वह फिलहाल जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाहती. {mospagebreak}
इस बीच झारखंड से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने राज्य में किसी को मुख्यमंत्री पद की पेशकश करने की संभावना से इनकार किया है. उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘हम झारखंड में किसी को भी मुख्यमंत्री पद की पेशकश नहीं करेंगे. फिलहाल हम इंतजार करो और देखो की नीति अपना रहे हैं.’
उधर सोरेन ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज और पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी को पत्र लिखकर लोकसभा में राजग के कटौती प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने के लिए माफी मांगी है. उन्होंने कहा कि खराब स्वास्थ्य की वजह से ऐसा हो गया और भाजपा समर्थन वापसी के अपने फैसले पर पुनर्विचार करे. भाजपा पर लगता है सोरेन की इस अपील का कोई असर नहीं हुआ है. सुषमा ने कहा, ‘हम इस पत्र से संतुष्ट नहीं है और समर्थन वापसी का हमारा फैसला कायम है.’
उन्होंने इन अफवाहों को भी नकारा कि कि भाजपा मुख्यमंत्री पद पर अपने किसी नेता को बिठाने और सोरेन के पुत्र हेमंत को उप मुख्यमंत्री पद की पेशकश के साथ वहां सरकार बनाने की कोशिश कर रही है. सोरेन की कार्रवाई पर झारखंड के उप मुख्यमंत्री और भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख रघुवीर दास ने रांची में कहा, ‘गलती मनुष्य से ही होती है और उन्होंने (सोरेन ने) गलती मान ली है.’ इस बीच लोजपा के महासचिव शमायले नबी ने मांग की है कि झारखंड में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए क्योंकि कोई भी राजनीतिक दल या गठजोड सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है.