सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील पर ताबड़तोड़ हमला वो भी सुप्रीम कोर्ट परिसर के भीतर. जिस शख्स पर 3 लोगों ने दिनदहाड़े हमला किया वो कोई और नहीं बल्कि टीम अन्ना और सिविल सोसाइटी के सदस्य प्रशांत भूषण हैं. मामला बेहद गंभीर है, सुरक्षा को लेकर भी और हमले की वजह को लेकर भी.
प्रशांत भूषण पर सरेआम हमले की इस घटना के महज कुछ घंटे के भीतर ही इसे लेकर राजनीतिक दलों में राजनीति भी शुरू हो गई. देश की दो सबसे बड़ी पार्टियों ने घटना की निंदा तो जरूर की लेकिन निंदा के बाद हमले के बहाने ही एक दूसरे पर आरोप मढ़ने में भी वो उतने ही उतावले दिखे.
सबसे पहले बयान आया कांग्रेस पार्टी की ओर से. वैसे तो पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह टीम अन्ना के विरोधी के तौर पर पहचाने जाते हैं लेकिन इस बार उन्हीं के के बहाने पर बीजेपी पर निशाना साधने का मौका मिल गया.
कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी की ओर से भी कड़ी प्रतिक्रिया आई. दिग्विजय सिंह के आरोपों को गलत को बताया ही गया. बदले में ये भी कहा गया कि प्रशांत भूषण पर हमले की साजिश में कांग्रेस भी शामिल हो सकती है.
किसका बयान सच्चाई के कितने करीब है कहना फिलहाल मुश्किल है, लेकिन जिस टीम अन्ना के सदस्यों से राजनीतिक पार्टियां दूरी बनाकर चलती है. अब उन्हें भी उनके कंधे पर ही बंदूक रखकर अपना राजनीतिक हित साधने का मौका तो मिल ही गया.