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पीएम पीएसी के समक्ष पेश हों, मैं इस पक्ष में नहीं: प्रणव

2 जी स्पेक्ट्रम मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लोक लेखा समिति (पीएसी) के सामने पेश होने के प्रस्ताव पर कांग्रेस से पहली बार आपत्ति जताते हुए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने रविवार को कहा कि वह इस पक्ष में नहीं हैं कि प्रधानमंत्री पीएसी के सामने पेश हों क्योंकि प्रधानमंत्री लोकसभा के प्रति जिम्मेदार हैं, ‘किसी समिति के प्रति नहीं.’

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2 जी स्पेक्ट्रम मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लोक लेखा समिति (पीएसी) के सामने पेश होने के प्रस्ताव पर कांग्रेस से पहली बार आपत्ति जताते हुए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने रविवार को कहा कि वह इस पक्ष में नहीं हैं कि प्रधानमंत्री पीएसी के सामने पेश हों क्योंकि प्रधानमंत्री लोकसभा के प्रति जिम्मेदार हैं, ‘किसी समिति के प्रति नहीं.’

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुखर्जी ने प्रदेश कांग्रेस समिति की विशेष बैठक में कहा, ‘पीएसी के सामने पेश होने का प्रस्ताव देने का फैसला प्रधानमंत्री ने हमसे परामर्श किए बगैर किया. अगर वह मुझसे इस बारे में विमर्श करते, तो मैं उन्हें ऐसा प्रस्ताव न देने की सलाह देता.’

प्रधानमंत्री की ओर से पीएसी के सामने पेश होने के प्रस्ताव पर मुखर्जी ने कहा, ‘संवैधानिक तौर पर, प्रधानमंत्री लोकसभा के प्रति जिम्मेदार हैं, न कि किसी समिति के प्रति.’ वित्त मंत्री ने कहा कि वह ‘रुढ़िवादी हैं, जो सदन के नियमों का पालन करने में विश्वास रखते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘कोई मंत्री किसी संसदीय समिति के सामने पेश क्यों नहीं होता. इसका सामान्य सा कारण है. एक मंत्री लोकसभा या विधानसभा के प्रति जवाबदेह होता है.. लोकसभा के मामले में 543 सदस्यों के प्रति और पश्चिम बंगाल विधानसभा के मामले में 294 सदस्यों के प्रति.’
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा, ‘‘कोई व्यक्ति इसलिए मंत्री है क्योंकि वह जिस पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहा है, उसे कम से कम 272 लोकसभा सदस्यों का समर्थन हासिल है और वे सभी प्रधानमंत्री के साथ हैं.{mospagebreak} मंत्री पूरे सदन के प्रति जिम्मेदार होते हैं, सदन के कुछ लोगों के प्रति नहीं.’ उन्होंने कहा कि ऐसा पहले सिर्फ एक बार हुआ है, जब वित्त मंत्री के तौर पर मनमोहन सिंह 1992 में हर्षद मेहता स्टॉक मार्केट घोटाले में संयुक्त संसदीय समिति के सामने पेश हुए.

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इसके पहले 20 दिसंबर को दिल्ली में कांग्रेस के महाधिवेशन के दौरान, प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में पीएसी के सामने पेश होने के लिए तैयार हैं क्योंकि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है.

प्रधानमंत्री के प्रस्ताव पर पीएसी अध्यक्ष जोशी ने कहा कि इस मामले में फैसला विधि विशेषज्ञों से चर्चा के बाद किया जाएगा.

प्रधानमंत्री के इस प्रस्ताव के बाद भी विपक्ष जेपीसी की मांग पर अड़ा है.

जेपीसी जांच की मांग को ठुकराते हुए मुखर्जी ने पूछा, ‘जेपीसी की क्या जरूरत है? यह लोकसभा के नियमों में नहीं है. जेपीसी कोई अदालत या जांच एजेंसी नहीं है. इसके पास दोषियों को सजा देने का अधिकार नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष को यह कहते रहने दीजिए कि जेपीसी की जरूरत क्यों है, पर हम समझाएंगे कि इसकी जरूरत क्यों नहीं है. प्रधानमंत्री डरते नहीं हैं. वह खुद पूछताछ के लिए विकल्प खुला रख चुके हैं.’

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