खाने पीने की वस्तुओं आसमान छूते दाम पर अंकुश रखने में नाकामी के लिये आलोचना झेल रहे वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर जमाखोरों के खिलाफ सख्त कारवाई करने को कहा है.
सूत्रों ने बताया, ‘वित्त मंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर उनसे जमाखोरों तथा कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कारवाई करने को कहा है ताकि कृषि जिंसों की आपूर्ति रुकावटों को दूर किया जा सके और महंगाई को नियंत्रित किया जा सके.’
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने खाद्य मुद्रास्फीति के आंकड़े सामने आने के बाद गुरुवार को कहा था कि राज्यों सरकारों को विभिन्न जिंसों की आपूर्ति में सुधार लाने के लिये उसकी आपूर्ति में आने वाली रुकावटों को दूर करना होगा, ताकि खाद्यान्नों के दाम नीचे आ सकें.
खाद्य पदार्थों के थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर 25 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 18.32 प्रतिशत पर पहुंच गयी जो 2010 में खाद्य मुद्रास्फीति की उच्चतम दर है. खाद्यमुद्रास्फीति एक सप्ताह पहले की तुलना में करीब चार प्रतिशत अंक अधिक हो गयी जिससे सरकार चकित है. पिछले साल इसी सप्ताह खाद्य मुद्रास्फीति 20 प्रतिशत थी.
महाराष्ट्र के उत्पादक क्षेत्रों में बेमौसमी वर्षा से प्याज की फसल को काफी नुकसान हुआ है. इससे प्याज के दाम दिसंबर 2010 में 75 से 80 रुपये किलो तक पहुंच गये. केन्द्र सरकार के कदमों से इसमें कुछ नरमी आई है पर इसके भाव अब भी 45 से 50 रुपये के आसपास बने हुये हैं. पाकिस्तान से भारत के लिए सड़क मार्ग से प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिये जाने के बाद इनमें फिर तेजी शुरू हो गयी है.