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टू जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जेपीसी जांच नहीं: प्रणव

केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति :जेपीसी: के गठन की संभावना को खारिज किया लेकिन विपक्ष से अपील की कि वह संसद की कार्यवाही बिना बाधा के चलने दे.

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केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति :जेपीसी: के गठन की संभावना को खारिज किया लेकिन विपक्ष से अपील की कि वह संसद की कार्यवाही बिना बाधा के चलने दे.

मुखर्जी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘जेपीसी क्या है, क्या यह स्वर्ग से आएगी? जेपीसी गठन के पीछे मुझे कोई तर्क या औचित्य समझ में नहीं आता.’ उन्होंने कहा, ‘उन्हें सत्र में वापस आने के साथ ही संसद में सामान्य स्थिति बहाल करनी चाहिए. उन्हें सहयोग करना चाहिए, हम हमेशा उनकी बात सुनने को तैयार हैं. ’

उन्होंने कहा, ‘यदि आप समझते हैं कि लोकलेखा समिति (पीएसी) का कोई जांच प्राधिकरण नहीं है जबकि जेपीसी इसका दावा कर सकता है. यदि पीएसी चाहेगा तो हम उसे एक जांच एजेंसी की मदद मुहैया कर सकते हैं.’ जेपीसी खुद जांच नहीं करेगी. जेपीसी दस्तावेजों और गवाहों का परीक्षण कर सकती है. तब वे कहेंगे कि यह हमारी रिपोर्ट है और यह हमारा निष्कर्ष है और सरकार को जांच करके दोषियों को सजा दिलानी चाहिए.’

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मुखर्जी ने कहा, ‘सरकार बिल्कुल यही कर रही है. सीबीआई, आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय जांच को आगे बढ़ा रहे हैं. इस मामले की जांच वर्ष 2009 में शुरू हो गई थी, अक्तूबर 2009 में ही मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई थी. ये लोग जेपीसी के गठन से क्या पा लेंगे.’

टू जी स्पेक्ट्रम मामले पर बहस के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की पेशकश कर चुके मुखर्जी ने कहा, ‘मैंने उनसे कहा कि इस मामले में बहस होने दीजिये उसके बाद ही लोगों को इस मामले की जानकारी होगी और वे एक निर्णय पर पहुंच पाएंगे.’ उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र बहस, चर्चा और निर्णय लेने के लिए है. उन्होंने कहा, ‘संसदीय लोकतंत्र में मूलभूत व्यवस्था यह है कि जिसे बहुमत मिलता है वही शासन करता है. जिसे बहुमत नहीं मिलता सरकार की नीतियों का विरोध कर सकता है लेकिन यह विरोध सदन के अंदर होना चाहिए.’

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