वित्तमंत्रालय से एक सनसनीखेज खबर सामने आई है. इंडियन एक्सप्रेस अखबार के मुताबिक कुछ महीने पहले वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने शक जाहिर किया था कि उनके दफ्तर की सुरक्षा में सेंध लगी है.
अखबार का दावा है कि वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री से इसकी खुफिया तरीके से जांच कराने की गुजारिश की थी. पिछले साल 7 सितंबर को इसके लिए उन्होंने मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखी थी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक वित्त मंत्री ने अपनी चिट्ठी में लिखा था कि उनके दफ्तर में 16 अहम जगहों पर चिपकने वाले पदार्थ दिखे थे. उन्होंने शक जाहिर किया था कि हो सकता है मंत्रालय के कामकाज पर नजर रखने की कोशिश की जा रही है.
जिन 16 जगहों पर चिपकने वाले पदार्थ पाए गए थे उनमें वित्त मंत्री का दफ्तर, उनके सलाहकार ओमिता पॉल का दफ्तर, निजि सचिव मनोज पंत का दफ्तर और वित्त मंत्री द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले दो कॉन्फ्रेंस रूम शामिल थे.
हांलाकि वित्त मंत्री ने ये भी लिखा था चिपकने वाले पदार्थों के साथ किसी तरह का माइक्रोफोन या रिकॉर्डिंग डिवाइस नहीं मिले थे. चिपकने वाले पदार्थों की मौजूदगी का पता तब चला था जब सेंट्रल बोर्ड ऑफ डाइरेक्ट टैक्सेस ने प्राइवेट डिटेक्टिव की टीम से वित्त मंत्रालयल की जांच कराई थी.
सीबीडीटी के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि वित्त मंत्री के टेबल पर तीन जगहों पर चिपकने वाले पदार्थ पाए गए थे, जिनमें से एक पर ऐसे निशान मिले थे जिससे किसी इलेक्ट्रोनिक डिवाइस के चिपकाए जाने का शक हो रहा था.
बाद में आईबी ने उन चिपकने वाले पदार्थ को महज च्वींगम करार दिया था हांलाकि खुफिया विभाग ने अबतक इस बारे में रिपोर्ट नहीं दी है. उधर सीबीडीटी का दावा है कि चिपकने वाले पदार्थ जानबूझ कर दफ्तर में लगाए गए थे.
फिलहाल आजतक अपनी तरफ से इस खबर की पुष्टि करने की कोशिश कर रहा है. हालांकि आईबी की जांच में दावा ये किया गया कि चिपकने वाला पदार्थ च्यूंइग गम था.
अब वित्त मंत्रालय में जासूसी की आशंका की खबर पर वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की प्रतिक्रिया आ गई है. प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि आईबी ने इस मामले की जांच की थी और मैं साफ करना चाहूंगा कि उसे वहां कुछ नहीं मिला था.
वित्त मंत्री के दफ्तर में जासूसी की आशंका की खबर के बाद कई सवाल हैं जो सरकार के कामकाज पर सवालिया निशान लगा रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि आखिर वित्त मंत्रालय के दफ्तरों की जांच प्राइवेट जासूसों से क्यों कराई गई?
वित्त मंत्री के दफ्तर में प्राइवेट जासूसों को क्या खोजने के लिए लगाया गया था? मामला सुरक्षा में सेंध का था लेकिन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने इसकी जानकारी गृहमंत्री पी चिदम्बरम को क्यों नहीं दी?
वित्त मंत्री ने सीधे पीएम से इसकी शिकायत क्यों की? और आखिर में सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर वो कौन शख्स है जो वित्त मंत्रालय पर नजर रख रहा था.