किरण बेदी के बाद हजारे पक्ष के दो और सदस्यों, वकील प्रशांत भूषण और कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल को सांसदों के खिलाफ उनकी टिप्पणियों पर विशेषाधिकार हनन का नोटिस मिल गया.
दोनों पर सांसदों के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगा है और उनसे अपना जवाब दायर करने को कहा गया है.
इस नोटिस को ‘पूरी तरह अन्यायसंगत’ बताते हुए भूषण ने कहा कि जनहित में सच बोलना विशेषाधिकार का हनन नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर जनहित में सच बोलना विशेषाधिकार का हनन है, तो देश के लिए समय आ गया है कि संसदीय विशेषाधिकार की पूरी धारणा की ही समीक्षा की जाए.
केजरीवाल ने भी इस बात की पुष्टि की कि उनके गाजियाबाद स्थित घर पर नोटिस आ गया है, लेकिन उन्होंने अभी इसे देखा नहीं है. इसके पहले किरण बेदी को भी सांसदों के खिलाफ अपनी टिप्पणी पर विशेषाधिकार हनन का नोटिस मिला था.