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प्रतिभ मूर्ति केस: कैब ड्राइवर को आजीवन कारावास की सजा

बैंगलोर में बीपीओ में काम करने वाली प्रतिभा श्रीकांथमूर्ति के साथ बलात्कार और हत्या के आरोप में एक फॉस्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी कार ड्राइवर को उम्र कैद की सजा सुनाई है. दिसंबर 2005 में ड्राइवर शिव कुमार ने प्रतिभा के साथ रेप करने के बाद उसकी निर्ममता से हत्या कर दी थी.

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बीपीओ कर्मचारी प्रतिभा श्रीकांतमूर्ति के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में पांच साल लंबे मुकदमे के बाद एक अदालत ने आरोपी टैक्सी चालक शिव कुमार को मौत तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस मामले ने देश भर में आईटी सेक्टर में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए थे.

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11वीं फास्ट ट्रैक अदालत के न्यायाधीश बी वी गुड्डली ने आरोपी को मौत तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई. उन्होंने धारा 366 के तहत अपहरण के आरोप में आरोपी को 10 साल के सश्रम कारावास और उस पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. ऐसा न कर पाने पर उसे एक साल और सश्रम कारावास की सजा काटनी होगी.

चालक को धारा 376 के तहत दुष्कर्म के आरोप में भी 10 साल सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी. इस आरोप में उस पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, यह जुर्माना न भुगतने की स्थिति में उसे दो साल और सश्रम कारावास भोगना होगा.

प्रतिभा की मां गोवरम्मा ने आरोपी वाहन चालक के लिए मौत की सजा की मांग की थी. सजा सुनने के बाद उन्होंने कहा कि ‘मैं संतुष्ट हूं.’ हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी खुशी उनकी बेटी की हत्या के साथ ही चली गई थी.

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प्रतिभा विधवा महिला गोवरम्मा की इकलौती बेटी थी. गोवरम्मा ने कहा कि ‘मुझे सजा सुन कर राहत मिली. जो लोग ऐसा अपराध करते हैं, उनके लिए यह एक सबक होना चाहिए. पांच साल से मैं ये पीड़ा भोग रही थी, मुझे न्याय चाहिए था, जो आज मुझे मिल गया.’

प्रतिभा के पति श्रीनिवास शेट्टी ने भी ऐसी ही भावनाएं प्रदर्शित करते हुए कहा कि ‘दोषी को हर दिन ये बात याद आनी चाहिए कि उसने क्या किया.’ साल 2005 में अपनी शादी के बाद एचपी ग्लोबलसॉफ्ट में नौकरी शुरू करने वाली 22 वर्षीय प्रतिभा 13 दिसंबर, 2005 को अपने घर से रात्रिकालीन पाली के लिए निकली थी. घर से निकलने के बाद वह लापता हो गई थी. अगले दिन उसका गला कटा शव शहर के बाहरी क्षेत्र में मिला था.

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