भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने लोकपाल विधेयक को असंवैधानिक बताया है. मंगलवार को इस विवादास्पद विधेयक पर संसद में चर्चा शुरू हो गई. सिन्हा ने मंगलवार को कहा, ‘हम सब कुछ जानते हुए और जानबूझकर असंवैधानिक कार्य नहीं कर सकते. हम ऐसा विधेयक नहीं बना सकते जो संविधान के खिलाफ हो.’
उन्होंने कहा कि भाजपा प्रभावी लोकपाल विधेयक के समर्थन में है.
सिन्हा ने सरकार पर अंतिम समय में विधेयक में अल्पसंख्यक आरक्षण को जोड़कर उसे पारित कराने का रास्ता मुश्किल बनाने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, ‘विधेयक को जिस तरह से लाया गया है और उसके मसौदे में जो परिवर्तन किए गए हैं, उन्हें देखते हुए लगता है कि सरकार विधेयक को पारित कराने के रास्ते को मुश्किल बना रही है.’
सिन्हा ने कहा कि सरकार के शिकंजे से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की स्वतंत्रता बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इसमें राज्यों में लोकायुक्तों को शामिल किया जाना असंवैधानिक है.
भाजपा विधेयक के मसौदे में किए गए कई बदलावों के खिलाफ है. उसे अल्पसंख्यक कोटा, लोकायुक्तों को लोकपाल के अंतर्गत लाने पर आपत्ति है जबकि वह सीबीआई को इस विधेयक के अंतर्गत लाना चाहती है.
प्रभावी लोकपाल विधेयक की मांग पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के मुम्बई में तीन दिवसीय अनशन के विषय पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस आंदोलन से इतर संसद में विधेयक पर चर्चा होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि संसद को आंदोलन से अप्रभावित रहते हुए विधेयक की कमियों व फायदों पर चर्चा करनी चाहिए.