भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिला और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) पर सरकार द्वारा बार-बार किए जा रहे हमले को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने का उनसे आग्रह किया.
भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कहा, 'हमने राष्ट्रपति से मुलाकात की और कहा कि यह आपके लिए जरूरी है कि इसमें हस्तक्षेप करें और सरकार को सलाह दें कि सीएजी पर हमला उचित नहीं है.'
आडवाणी ने कहा, 'उन्होंने कहा कि वह इस मामले को देखेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे.' आडवाणी ने कहा, 'भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी, लेकिन एक संवैधानिक संस्था पर जिस तरह से हमला किया जा रहा है, हमें आशंका है कि संवैधानिक प्राधिकरणों को कमजोर किया जा रहा है.'
प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली और वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी शामिल थे. गौरतलब है कि सीएजी ने हाल में अपनी रिपोर्ट में कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितता के कारण सरकारी खजाने को 1.86 लाख करोड़ रुपये नुकसान का अनुमान लगाया है.
जिस अवधि के दौरान कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए थे, उस दौरान (2004-2009) केंद्रीय कोयला मंत्रालय का प्रभार प्रधानमंत्री के पास था. प्रधानमंत्री ने एक बयान में सीएजी के निष्कर्षों को कई मामलों में दोषपूर्ण बताया है और कहा है कि निष्कर्ष विवादित हैं.