दुर्गा पूजा के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शनिवार को बीरभूम जिले के मिराती स्थित अपने पैतृक आवास पर पहुंच गए हैं. राष्ट्रपति यहां अपने परिवार की देवी दुर्गा की पूजा की रस्मों को निभायेंगे.
राष्ट्रपति ने अपने पैतृक आवास के दुर्गा मंदिर पर संवाददाताओं को बताया, 'हर साल की तरह मैं इस बार भी पूजा की सभी रस्में निभाउंगा. मैं तीन दिनों तक चंडी पाठ करुंगा, जैसा कि मैं हर साल करता हूं.' उन्होंने लोगों के लिए शांति और समृद्धि की कामना की.
118 साल पुरानी परंपरा
मुखर्जी ने कहा, 'हमारे परिवार की दुर्गा पूजा 118 साल पुरानी है. यह एक पारिवारिक रिवाज बन चुकी है. एक तरह की परंपरा बन गयी है. इसलिए मैं हर साल यहां आता हूं. कभी-कभी ऐसा हुआ है कि मैं दुर्गा पूजा पर नहीं आ पाया.' इस साल अपने कार्यक्रम और पाबंदियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'इस साल कुछ पाबंदियां रहेंगी जो स्वयं ही थोपी गयीं हैं.'
राष्ट्रपति की तस्वीरें न लेने की विनती
राष्ट्रपति ने कहा, 'पहले पुरोहित की वेशभूषा में मेरी तस्वीर ली गयी थी पर इस बार मैं ऐसा नहीं कर सकता. इसलिए आप सबसे विनती की गयी है कि कैमरों और मोबाइल कैमरों से मेरी तस्वीर न लें.' राष्ट्रपति अपनी पत्नी शुभ्रा के साथ हेलीकॉप्टर के जरिये कोलकाता से 240 किलोमीटर दूर किरनाहर पहुंचे. उन्होंने अपनी बड़ी बहन अन्नपूर्णा बनर्जी के साथ 20 मिनट गुजारे.
ममता से मिले प्रणब दा
किरनाहर से राष्ट्रपति तीन किलोमीटर दूर मिराती स्थिति अपने पैतृक घर पहुंचे. इससे पहले उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात की. राष्ट्रपति दिल्ली के लिए 23 अक्टूबर को रवाना होंगे.