देश के 65वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी और जमीन से लेकर हवा तक किसी भी आतंकवादी हमले को टालने के लिए पुख्ता इंतजाम थे.
शहर में और आसपास दिल्ली पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों के हजारों जवान तैनात थे. खास कर लाल किला तो जैसे छावनी में तब्दील हो गया था जहां प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने तिरंगा फहराया और लगातार आठवीं बार राष्ट्र को संबोधित किया. स्वतंत्रता दिवस को किसी भी अप्रिय घटना से मुक्त रखने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी तरफ से कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ी. हालांकि, संभावित आतंकवादी हमले के संबंध में कोई खास खुफिया सूचना नहीं थी.
केंद्रीय गृह मंत्री ने देश भर में अलर्ट जारी कर राज्यों से संवेदनशील स्थानों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करने और किसी भी आतंकवादी हमले की कोशिश को टालने के लिए पर्याप्त इंतजाम करने के लिए कहा था. इस साल का स्वतंत्रता दिवस मुंबई में आतंकवादी हमले के एक महीने बाद मनाया गया.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को सुरक्षा में तैनात किया गया है.
लाल किला के अंदर और आसपास करीब 40 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे ताकि शांतिपूर्ण तरीके से स्वतंत्रता दिवस समारोह संपन्न हो सके. इसके अलावा 17वीं शताब्दी के मुगल स्मारक के आसपास उंचे स्थानों पर एनएसजी के निशानेबाज तैनात थे.
अधिकारी ने बताया कि लाल किले के अतिरिक्त संसद परिसर, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशनों, अंतरराज्यीय बस अड्डों और मेट्रो स्टेशनों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही थी.