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सबसे भ्रष्ट सरकार के अगुवा हैं PM: सुषमा स्वराज

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर शनिवार को भाजपा ने आरोप लगाया कि वह देश की ‘सर्वाधिक भ्रष्ट और संवेदनहीन’ सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. पालमपुर और पछाड़ में चुनाव रैलियों को संबोधित कर रहीं सुषमा स्वराज ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री घोटालों का दोष मंत्रियों पर मढ़ रहे हैं.

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सुषमा स्वराज
सुषमा स्वराज

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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर शनिवार को भाजपा ने आरोप लगाया कि वह देश की ‘सर्वाधिक भ्रष्ट और संवेदनहीन’ सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. पालमपुर और पछाड़ में चुनाव रैलियों को संबोधित कर रहीं सुषमा स्वराज ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री घोटालों का दोष मंत्रियों पर मढ़ रहे हैं.

बहरहाल, लोकसभा में विपक्ष की नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल के प्रमुख होने के नाते जिम्मेदारी से बच नहीं सकते. उन्होंने कहा ‘प्रधानमंत्री भ्रष्ट लोगों से घिरे हुए हैं लेकिन वह मंत्रिमंडल के प्रमुख हैं इसलिए अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते और वह जनता के प्रति जवाबदेह हैं.’

'कांग्रेस भ्रष्टाचार में तोड़ रही है अपना ही रिकॉर्ड'
सुषमा ने कहा ‘मैंने संसद में प्रधानमंत्री से सीधा सवाल पूछा लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया. प्रधानमंत्री घोटालों के लिए दूसरों पर दोष नहीं मढ़ सकते और उन्हें नैतिक जिम्मेदारी लेनी होगी.’ भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि संप्रग सरकार जमीन पर, जमीन के नीचे और हवा को लेकर हुए घोटालों में लिप्त है. उन्होंने कहा ‘एक अच्छे खिलाड़ी की तरह कांग्रेस भ्रष्टाचार का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ रही है और 1.76 लाख करोड़ रुपये के टू जी घोटाले के बाद 1.86 लाख करोड़ रुपये का कोयला घोटाला सामने आया.’

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मूल्यवृद्धि के लिए सरकार की आलोचना कर रही सुषमा ने कहा कि संप्रग सरकार न केवल भ्रष्ट है बल्कि महंगाई के बोझ तले दबे जा रहे आम आदमी की दुर्दशा के प्रति पूरी तरह ‘संवेदनहीन’ भी है. उन्होंने कहा कि सब्सिडी वाले सिलिंडरों की संख्या सीमित कर छह तय करने से बोझ आम आदमी पर ही पड़ेगा.

FDI को लेकर भी सरकार को घेरा
खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने के सरकार के कदम की आलोचना करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री और संप्रग सरकार ने देश की जनता की पीठ में छुरा मारा है क्योंकि तत्कालीन वित्त मंत्री (अब राष्ट्रपति) प्रणब मुखर्जी ने संसद में आश्वासन दिया था कि सभी पक्षों और मुख्यमंत्रियों के साथ विचार विमर्श किया जाएगा और सहमति बनने तक कोई फैसला नहीं किया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि इस आश्वासन के बावजूद बिना किसी विचारविमर्श के खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दे दी गई और इससे 12,000 करोड़ छोटे व्यापारी परिवारों पर आजीविका का खतरा मंडरा रहा है.

टाल दिया गडकरी से जुड़े सवालों का जवाब
बाद में संवाददाताओं के सवालों के दौरान सुषमा ने भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर जवाब टाल दिया. उन्होंने कहा कि गडकरी ने खुद कहा है कि किसी भी एजेंसी से जांच कराई जाए और यह जांच सरकार को करानी चाहिए.

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