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वेदांता सौदे के लिए ओएनजीसी की पूर्व मंजूरी चाहिए: केयर्न

उर्जा कंपनी केयर्न एनर्जी ने कहा है कि वेदांता के साथ उसके सौदे के लिए सहयोगी फर्म ओएनजीसी की पूर्व मंजूरी आवश्यक है न कि सरकार की. केयर्न एनर्जी का यह बयान सरकार के उस दावे के विपरीत है जो कहती रही है कि यह सौदा उसकी पूर्व मंजूरी के बिना सिरे नहीं चढ़ सकता.

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उर्जा कंपनी केयर्न एनर्जी ने कहा है कि वेदांता के साथ उसके सौदे के लिए सहयोगी फर्म ओएनजीसी की पूर्व मंजूरी आवश्यक है न कि सरकार की. केयर्न एनर्जी का यह बयान सरकार के उस दावे के विपरीत है जो कहती रही है कि यह सौदा उसकी पूर्व मंजूरी के बिना सिरे नहीं चढ़ सकता.

केयर्न एनर्जी ने अपनी अनुषंगी कंपनियों के माध्यम से 23 नवंबर को भेजे पत्र में अपने इस रुख को दोहराया हैं.

केयर्न इंडिया ने अपनी एक अनुषंगी के पत्र में कहा है, हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम भारत सरकार के रुख (कि इस सौदे के लिए उनकी मंजूरी जरूरी) से सहमति रखते हैं जबकि हम अपने संयुक्त उद्यम सहयोगी ओएनजीसी को उपलब्ध अधिकारों को लेकर हमारी स्थिति पर भी कायम है.

उल्लेखनीय है कि केयर्न ने इससे पहले भारत में केवल सात उत्खनन परिसंपत्तियों में हिस्सेदारी बेचने की अनुमति मांगी थी जबकि उत्पादन कर रही तीन परिसंपत्तियों को छोड़ दिया गया था. इस पर तेल मंत्रालय ने कंपनी से कहा कि उसे सभी दस परिसंपत्तियों के लिए अलग अलग आवेदन सरकार के पास करने होंगे.

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कंपनी ने 23 सितंबर को तीन अलग अलग आवेदन किए हैं जिसमें बाड़मेर तेल क्षेत्र, पूर्व अपतटीय रावा तेल एवं गैस क्षेत्र तथा खंभात क्षेत्र शामिल है.

केयर्न एनर्जी ने 16 अगस्त को घोषणा की थी कि वह अपनी भारतीय अनुषंगी केयर्न इंडिया में 40-51 प्रतिशत हिस्सेदारी वेदांता रिसोर्सेज को बेचेगी.

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