महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के रूप में पृथ्वीराज चव्हाण का नाम सामने आया है. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बुधवार सुबह संवाददाताओं को बताया कि महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण होंगे. इसके बाद चव्हाण खुद संवाददाताओं के सामने आए और कहा कि मुझे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी गई है, मैं पूरी कोशिश करूंगा कि सबको साथ लेकर चलूं और बेहतर काम कर सकूं. पृथ्वीराज चव्हाण गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. वहीं, अजित पवार को एनसीपी ने डिप्टी सीएम के लिए चुना है.
चव्हाण ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री को अपने केंद्रीय पद का इस्तीफा भेज दिया है, और अनुरोध किया है कि वह केंद्रीय मत्रिमंडल की जवाबदेही से मुक्त करें.
17 मार्च, 1946 को जन्मे चव्हाण वर्तमान में संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा के सदस्य है. 10 जनपथ के करीबी माने जाने वाले पृथ्वीराज चव्हाण का जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में हुआ. चव्हाण की शख्सियत का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि वह मनमोहन सरकार में एक नहीं बल्कि पांच-पांच मंत्रालयों को कार्यभार संभालते हैं.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) के अलावा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पर्सनेल, पब्लिक ग्रीवांसेस एंड पेंशन मंत्रालय, अर्थ साइंस मंत्रालय और संसदीय कार्यवाही मंत्रालय चव्हाण के जिम्मे है. पेशे से इंजीनियर चव्हाण ने बिट्स, पिलानी से इंजीनियरिंग में स्नातक किया है. उसके बाद कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से आगे की पढाई की.{mospagebreak}
चव्हाण की मनमोहन सिंह की नजदीकियां इससे साफ हो जाती हैं कि वह उनके मंत्रिमंडल में पीएमओ कार्यालय को देखने वाले मंत्री हैं. 64 वर्षीय चव्हाण के पिता डीआर चव्हाण भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रह चुके हैं. प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के मंत्रिमंडल में चव्हाण के पिता राज्य मंत्री रह चुके हैं.
विदेश से लौटने के बाद 1983-84 में चव्हाण की मुलाकात राजीव गांधी से हुई. राजीव गांधी ने तब चव्हाण को कराड संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट दिया था और चव्हाण पहली बार संसद में पहुंचे. इसके बाद भी चव्हाण ने राजीव गांधी को कहा कि मुझे वर्तमान में चल रहे परिवारवाद से थोड़ी कोफ्त होती है. तब राजीव गांधी ने चव्हाण को समझाते हुए कहा था कि देश में हजारों तुमसे अच्छे इंजीनियर हैं लेकिन उनमें से कोई एक चुनाव नहीं जीत सकता.
राजीव गांधी ने चव्हाण को भारतीय भाषाओं में एक डेटाबेस तैयार करने का जिम्मा दिया था जिससे पता चल सके कि भूमि से भारत को कितनी आय होती है और चव्हाण ने गांधी के कहे अनुसार काम किया.