2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में संप्रग के सहयोगी दल द्रमुक के साथ ही कांग्रेस को भी पूरी तरह जिम्मेदार ठहराते हुए भाजपा ने गृह मंत्री पी. चिदंबरम के इस्तीफे की मांग की.
केंद्रीय कपड़ा मंत्री के पद से दयानिधि मारन के इस्तीफे की पृष्ठभूमि में भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने यहां कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम का मामला केवल गठबंधन सहयोगियों तक सीमित नहीं है और इसमें कांग्रेस की भी संलिप्तता रही है.
सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से कहा कि नौ जनवरी 2008 को वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ने नीलामी के जरिए स्पेक्ट्रम आवंटन करने का सुझाव दिया था लेकिन अगले ही दिन 10 जनवरी को तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम ने बिना नीलामी के आवंटन कर दिये.
उन्होंने कहा कि पांच दिन बाद ही 15 जनवरी को मामले को ढकने का प्रयास करते हुए चिदंबरम ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर सुझाव दिया कि 10 जनवरी को हुए आवंटन के अध्याय को समाप्त समझना चाहिए और आगे नीलामी से ही लाइसेंस दिये जाने चाहिए.
सीतारमण ने 15 जनवरी से ही घोटाले को ढकने का प्रयास शुरू होने का आरोप लगाते हुए कहा कि करीब चार माह बाद ही 29 मई को चिदंबरम ने तत्कालीन संचार मंत्री ए. राजा के साथ बैठक कर प्रधानमंत्री को यह जताया कि इस मामले में दोनों मंत्रालय एकमत हैं.
उन्होंने कहा कि यह बैठक स्पष्ट तौर पर नियमों के उल्लंघन को ढकने और आपसी मतभेदों पर पर्दा डालने के प्रयास में की गयी थी.