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पुरोहित, साध्वी से मालेगांव धमाकों के सिलसिले में सीबीआई करेगी पूछताछ

मालेगांव में साल 2006 में हुए धमाकों में दक्षिणपंथी हिंदूवादी समूहों की भूमिका सामने आने के बाद सीबीआई अब इस तरह के संगठनों के सदस्यों और महाराष्ट्र के इस शहर में साल 2008 में हुए विस्फोटों के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ करने की योजना बना रही है.

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सीबीआई
सीबीआई

मालेगांव में साल 2006 में हुए धमाकों में दक्षिणपंथी हिंदूवादी समूहों की भूमिका सामने आने के बाद सीबीआई अब इस तरह के संगठनों के सदस्यों और महाराष्ट्र के इस शहर में साल 2008 में हुए विस्फोटों के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ करने की योजना बना रही है.

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आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि साल 2006 के विस्फोटों में दक्षिणपंथी समूहों के सदस्यों से पूछताछ करने की योजना स्वामी असीमानंद के मजिस्ट्रेट के समक्ष इकबालिया बयान देने के मद्देनजर बनाई जा रही है. इन विस्फोटों में 35 लोग मारे गए थे.

सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और प्रवीण मुतालिक से पूछताछ करने की संभावना है. इन लोगों को साल 2008 में हुए मालेगांव धमाकों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है.

इससे जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में मकोका अदालत महाराष्ट्र एटीएस द्वारा साल 2006 में हुए विस्फोटों के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए नौ आरोपियों की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगी और उम्मीद की जाती है कि सीबीआई उनकी याचिका का विरोध नहीं करेगी.{mospagebreak}

असीमानंद ने अपने इकबालिया बयान में कहा था कि मालेगांव धमाकों की साजिश हिंदूवादी समूह ने रची थी. इस विस्फोट के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए एक लड़के ने उनका हृदय परिवर्तन कर दिया और इसकी वजह से उन्होंने सच बताने का फैसला किया. असीमानंद को हाल में ही सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.

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असीमानंद उर्फ जतिन चटर्जी ने अपने बयान में आरोप लगाया था कि आरएसएस कार्यकर्ताओं ने सुनील जोशी की हत्या की. जोशी ने अन्य लोगों के साथ मिलकर साल 2006 में हुए मालेगांव धमाकों को अंजाम दिया था.

ठाकुर, पुरोहित और मुतालिक के अतिरिक्त राकेश धावडे, अजय रहीरकर, शिवनारायण कलसांगरा, श्याम साहू, सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, जगदीश म्हात्रे, दयानंद पांडेय और सुधाकर चतुर्वेदी से भी सीबीआई विस्फोटों के सिलसिले में पूछताछ करेगी.

इन सबको महाराष्ट्र एटीएस ने 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए बम धमाकों के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. उस विस्फोट में छह लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे.{mospagebreak}

इन गिरफ्तारियों ने हिंदूवादी चरमपंथी समूहों की ओर से देश में किए जा रहे आतंकवादी कृत्यों की जांच को एक नयी दिशा दी थी.

गौरतलब है कि इन धमाकों में हिंदूवादी संगठनों की भूमिका पर्दाफाश कर रहे एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के हाथों मारे गए थे.

सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं, महाराष्ट्र संगठित अपराध निरोधक अधिनियम (मकोका), गैर कानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए), शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.

सूत्रों ने बताया कि संयुक्त निदेशक कंडास्वामी के नेतृत्व वाला दल मालेगांव में डेरा डाले हुए है और एटीएस द्वारा जुटाए गए सभी फॉरेंसिक साक्ष्यों की जांच करेगा. बाद में एटीएस दल का नेतृत्व तत्कालीन संयुक्त आयुक्त के पी रघुवंशी और डीआईजी सुबोध जायसवाल कर रहे थे. सीबीआई सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मालेगांव में आठ सितंबर 2006 को हुए चार बम विस्फोटों के सिलसिले में इलाके से जब्त किए गए सभी फारेंसिक और विस्फोटक सामग्रियों की फिर से जांच कर रही है.{mospagebreak}

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ठोस सबूतों का परीक्षण करने के अतिरिक्त सीबीआई के जांच से जुड़े कुछ अधिकारियों से पूछताछ भी करने की उम्मीद है. इसमें तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) नासिक राजवर्धन (1997 बैच के आईपीएस अधिकारी) भी शामिल हैं. उनपर इस मामले में पहले कथित तौर पर गलत गिरफ्तारी करने का आरोप है.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सीबीआई महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते के अधिकारियों की भी भूमिका की जांच करने और मामले में उसकी जांच की समीक्षा करने की योजना बना रही है. एटीएस ने इस मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया था.

इस मामले में पहले शब्बीर अहमद मसीउल्ला, नूरुल हुडा शम्सुदोहा, रईस अहमद मंसरी, सलमान फारसी आइमी, फरोग इकबाल मगदुमी, मोहम्मद अली शेख, आसिफ खान, मोहम्मद अब्दुल अंसारी और अबरार गुलाम अहमद को गिरफ्तार किया गया था.

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