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पुरुलिया कांड: नहीं हो सकेगा किम डेवी का प्रत्‍यर्पण

डेनमार्क के नागरिक किम डेवी का भारत प्रत्यपर्ण नहीं हो सकता है, जिस पर कथित तौर पर 1995 में पुरुलिया में सनसनीखेज तरीके से हथियार गिराने के मामले में शामिल होने का केस भारत में चल रहा है. डेनमार्क की एक अदालत ने इस संबंध में सरकार की याचिका को खारिज कर दिया.

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डेनमार्क के नागरिक किम डेवी का भारत प्रत्यपर्ण नहीं हो सकता है, जिस पर कथित तौर पर 1995 में पुरुलिया में सनसनीखेज तरीके से हथियार गिराने के मामले में शामिल होने का केस भारत में चल रहा है. डेनमार्क की एक अदालत ने इस संबंध में सरकार की याचिका को खारिज कर दिया.

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डेनमार्क की सरकार ने 49 वर्षीय डेवी (जिसे नील्स होल्क भी कहा जाता है) को पुरुलिया मामले में प्रत्यर्पित करने की अनुमति देने की याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया कि उसे भारत में प्रताड़ना और अन्य अमानवीय व्यवहार का सामना करना पड़ सकता है.

सीबीआई के प्रवक्ता ने डेनमार्क से प्राप्त प्रारंभिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ‘याचिका को जेल की स्थिति और मानवाधिकार के मुद्दों के आधार पर खारिज कर दिया गया है.’

डेनमार्क उच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने निचली अदालत के निर्णय को बरकरार रखा, जिसमें डेनमार्क की सरकार ने भारत से बार-बार आश्वासन मिलने के बाद डेवी के प्रत्यर्पण के संबंध में सीबीआई के आग्रह को मंजूर किये जाने का उल्लेख किया था.

भारत से प्राप्त आश्वासनों में कहा गया था कि डेवी को मौत की सजा नहीं सुनाई जायेगी और अगर उसे कारावास की सजा हुई तो उसे डेनमार्क की जेल में रखा जायेगा.

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