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RTI कार्यकर्ता की मौत पर उठे सवाल

दिल्ली के वसंत कुंज इलाके के बी10 मार्केट में 23 अप्रैल को रात करीब 8.30 बजे एक रिटायर्ड व्यक्ति को किसी तेज रफ्तार कार ने ठोकर मार दी. एक्सिडेन्ट से उनकी हालत इतनी खराब हो गई कि उन्हें, एम्स ट्रॉमा सेन्टर ले जाया गया, जहां उनकी 26 अप्रैल को मौत हो गई.

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दिल्ली के वसंत कुंज इलाके के बी10 मार्केट में 23 अप्रैल को रात करीब 8.30 बजे एक रिटायर्ड व्यक्ति को किसी तेज रफ्तार कार ने ठोकर मार दी. एक्सिडेन्ट से उनकी हालत इतनी खराब हो गई कि उन्हें, एम्स ट्रॉमा सेन्टर ले जाया गया, जहां उनकी 26 अप्रैल को मौत हो गई.

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मृतक नरेन्द्र बरवानी एक आरटीआई एक्टिविस्ट है. बरवानी के घरवालों को शक है कि सिर्फ एक्सिडेन्ट उनकी मौत का कारण नहीं हो सकता.

बरवानी देल्ही ट्रांस्को से रिटायर्ड हैं. नरेन्द्र बरवानी अपने कार्यकाल में और कार्यकाल के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते रहे हैं.

इन्होंने आरटीआई के जरिए कई घोटालों का खुलासा किया है. जाहिर है भ्रष्टाचार के इस लड़ाई में कोई ना कोई इनका दुश्मन जरूर बना होगा. नरेन्द्र बरवानी नें 2009 में अपनी जान को खतरा बताकर एक शिकायत भी दर्ज किया था.

लिहाजा हादसे के बाद उनके घर वालों को शक है कि हो सकता है यह एक्सिडेन्ट सिर्फ हादसा ना हो, उनके मौत का कारण कुछ और हो.

नरेन्द्र बरवानी के बेटे का कहना है कि इस मामले में पुलिस का रवैया सकारात्मक नहीं है.

बरवानी के बेटे ने बताया कि मेरे पिता 2010 में रिटायर्ड हुए थे. उसके बाद और उससे पहले भी पापा आरटीआई एक्टिविस्ट थे. भ्रष्टाचार के खिलाफ उन्होंने कई एक्शन किया था. हमें लोकायुक्त से एक लेटर भी मिला था. हमें याद है 2009 में पापा ने एसएचओ, आईपी स्टेट को एक एप्लिकेशन दिया था. अपनी कंपनी में किसी ऊंची पद के लोग के खिलाफ केस किया था. उन्होंने लिखा था कि उन्हें लाईफ थ्रेट है. 23 तारीख को पापा वहीं केस अटेंड कर के आए थे.

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