कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि पदोन्नति में आरक्षण संबंधी विधेयक सामाजिक न्याय के लिए लाया गया. इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा था कि यह विधेयक कोयला ब्लॉक आवंटन पर उठे विवाद से जनता का ध्यान बंटाने की चाल है.
कांग्रेस के प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, 'हमने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से विधेयक लाने का वादा किया था.'
उन्होंने कहा कि लेकिन कांग्रेस को यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि अगर यह विधेयक संसद के हित में भी लाया गया है, तो इससे यह समझ में आता है कि पार्टी संसद के कामकाज को लेकर कितनी गंभीर हैं.
अल्वी ने यह टिप्पणी तब की, जब भाजपा ने बुधवार को कहा कि कथित कोयला घोटाले से ध्यान बंटाने के लिए आरक्षण विधेयक संदिग्ध तरीके से लाया गया.
मुख्य विपक्षी दल भाजपा कथित घोटाले के मुद्दे पर संसद की कार्यवाही लगातार बाधित करती रही है. पार्टी प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग कर रही है. पार्टी ने हालांकि पिछले शनिवार को कहा था कि वह संसद में बहस तभी चलने देगी जब कोयला आवंटन रद्द किया जाएगा और निष्पक्ष जांच का आदेश दिया जाएगा.
सरकार ने भाजपा की किसी मांग को स्वीकार करने का संकेत नहीं दिया है. इस बीच दलितों एवं जनजातियों को पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए एक विधेयक को कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी और यह विधेयक बुधवार को राज्यसभा में पेश किया गया.
भाजपा के हंगामे और समाजवादी पार्टी (सपा) के विरोध के बीच इस विधेयक पर हालांकि चर्चा शुरू नहीं हो पाई.