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आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में आधा फीसदी की बढ़ोत्तरी की

भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को अपने क्रेडिट पॉलिसी (Credit Policy) के तहत अल्पकालिक रिण पर ब्याज, रेपो दर आधा प्रतिशत बढ़ा कर 7.25 प्रतिशत की.

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भारतीय रिजर्व बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक

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भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को अपने क्रेडिट पॉलिसी (Credit Policy) के तहत अल्पकालिक रिण पर ब्याज, रेपो दर आधा प्रतिशत बढ़ा कर 7.25 प्रतिशत की. रिजर्व बैंक ने बचत खाते पर ब्याज दर 3.5 से बढ़ाकर 4 प्रतिशत की.
आने वाला दौर कठिन होगा, चेतावनी देते हुए रिजर्व बैंक ने बैंकों के साथ नकदी के अल्पकालिक लेनदेन की दरें. रेपो और रिवर्स रेपो मंगलवार को आधा-आधा प्रतिशत बढ़ा दी.

इसके साथ ही, आरबीआई ने कच्चे तेल में तेजी के मुताबिक जितनी जल्द हो सके पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बढ़ाने की सरकार को सलाह दी और चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाकर 8 प्रतिशत कर दिया.  वीडियो देखें: कैसे चट कर गए 50 करोड़ रुपये

आरबीआई ने रेपो दर 6.75 प्रतिशत से बढा कर 7.25 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रिवर्स रेपो 5.75 प्रतिशत से बढाकर 6.25 प्रतिशत कर दी है. रेपो दर वह दर है जिस पर केंद्रीय बंक वाणिज्यिक बैंकों को तात्कालिक जरूरत के लिए नकदी उधार देता है तथा रिवर्स दर वह दर है जिस पर वह बैंकों से नकदी उधार लेता है.

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रेपो और रिवर्स रेपो दरें बढ़ाने के रिजर्व बैंक के निर्णय से आवास, वाहन और अन्य ऋण महंगे हो जाएंगे.

रिजर्व बैंक की नीति पर टिप्पणी करते हुए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा, ‘ मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए यह (दरों में वृद्धि) आवश्यक थी. अर्थव्यवस्था पर मुद्रास्फीति का दबाव अब भी काफी अधिक है.’ रिजर्व बैंक ने उच्च मुद्रास्फीति से आम जमाकर्ताओं को राहत देते हुए उनकी बैंक जमा पर प्रतिफल बढाने के लिए बचत बैंक खातों पर ब्याज की दर आधा प्रतिशत बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दी. अभी तक बचत खातों पर 3.5 प्रतिशत ब्याज मिलता था.

रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने और मध्यम अवधि में आर्थिक वृद्धि दर बनाए रखने के लिए वाषिर्क मौद्रिक नीति के तहत इन उपायों की घोषणा की. मुद्रास्फीति अभी नौ प्रतिशत के आसपास है. रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर 8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया. इससे पहले रिजर्व बैंक ने आर्थिक वृद्धि दर 9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था.

वर्ष 2010.11 में आर्थिक वृद्धि दर 8.6 प्रतिशत थी.

सुब्बाराव ने कहा, ‘ कच्चे तेल और अन्य जिंसों की कीमतों में तेजी और रिजर्व बैंक द्वारा मुद्रास्फीति से निपटने के लिए किए गए मौद्रिक उपायों से आर्थिक वृद्धि दर में नरमी आएगी.’ उन्होंने कहा, ‘ मानसून सामान्य रहने और 2011-12 के दौरान कच्चे तेल की कीमतें औसतन 110 डालर प्रति बैरल रहने की मान्यता के आधार हमारा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में आठ प्रतिशत वृद्धि होगी.’ हालांकि, गवर्नर ने कहा, ‘रिजर्व बैंक का मुख्य अनुमान यह है कि मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में मार्च, 2011 के स्तर (8.98 प्रतिशत) पर बनी रहेगी जिसके बाद इसमें गिरावट का रुख बनेगा.’ रिजर्व बैंक का अनुमान है कि मार्च 12 तक मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत या उससे थोड़ी उपर रहेगी.

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केंद्रीय बैंक मध्यम अवधि में मुद्रास्फीति तीन प्रतिशत तक सीमित करने का लक्ष्य रखा है.

कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के मुताबिक पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें बढ़ाने की जोरदार वकालत करते हुए रिजर्व बैंक ने कहा कि इसमें विलंब से राजकोषीय घाटा बढ़ेगा और सकल मांग में नरमी नहीं आने देगा.

सुब्बाराव ने कहा, ‘ भले ही घरेलू खुदरा मूल्य बढ़ने से अल्पकाल में मुद्रास्फीति बढ़ेगी, लेकिन रिजर्व बैंक का मानना है कि इसे (पेट्रोलियम कीमतों में बढ़ोतरी) जितनी जल्द हो सके, किया जाना चाहिए अन्यथा राजकोषीय घाटा बढ़ेगा जो सकल मांग में नरमी नहीं आने देगा.’ रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में बढ़ोतरी करते हुए बैंक दर को 6 प्रतिशत और नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को भी 6 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा. सीआरआर जमा का वह हिस्सा है जिसे बैंकों को रिजर्व बैंक के पास जमा रखना पड़ता है.

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