scorecardresearch
 

शेयर और संपत्तियों के बढ़ते दाम से रिजर्व बैंक चिंतित

भारतीय रिजर्व बैंक ने सोना, शेयर और संपत्तियों के तेजी से बढ़ते दाम पर चिंता जताते हुये कहा है कि महानगरों में आवासीय संपत्तियों के दाम वित्तीय संकट गहराने से पहले की स्थिति से भी आगे निकल चुके हैं.

Advertisement
X
RBI's measures aimed to curb property prices asset bubble
RBI's measures aimed to curb property prices asset bubble

भारतीय रिजर्व बैंक ने सोना, शेयर और संपत्तियों के तेजी से बढ़ते दाम पर चिंता जताते हुये कहा है कि महानगरों में आवासीय संपत्तियों के दाम वित्तीय संकट गहराने से पहले की स्थिति से भी आगे निकल चुके हैं.

Advertisement

हालांकि, केन्द्रीय बैंक ने फिलहाल ऐसा नहीं कहा है कि इनके दाम इस स्थिति तक पहुंच चुके हैं कि तेजी का बुलबुला फूटने की स्थिति आ गई है. केन्द्रीय बैंक ने ऋण एवं मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा जारी करते हुये मंगलवार को कहा है ‘बेशक देश में लोगों और कंपनियों की आय में लगातार वृद्धि हो रही है लेकिन फिर भी संपत्तियों के मूल्य में कम समय में इतनी तेजी चिंता की बात है.’

समीक्षा में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर अधिक नकदी प्रवाह होने और बेहतर रिटर्न मिलने की वजह से देश में विदेशी मुद्रा प्रवाह ज्यादा हो रहा है जिसकी वजह से शेयर बाजार नई ऊंचाइयों की तरफ बढ़ रहा है. उल्लेखनीय है कि बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स पहले ही 20,000 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से उपर निकल चुका है और अब तक के रिकार्ड स्तर को छूने की ओर अग्रसर है.

Advertisement

आवास और सोने के दाम पर गौर करते हुये रिजर्व बैंक ने कहा है ‘महानगरों में आवासीय संपत्तियों के दाम वित्तीय संकट से पहले के दाम से भी आगे निकल चुके हैं जबकि सोने के दाम अब तक के रिकार्ड स्तर पर बोले जा रहे हैं.’ उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट गहराने से पहले भी देश दुनिया में संपत्तियों के दाम काफी चढ़ गये थे. {mospagebreak}

केंद्रीय बैंक ने कहा कि उभरते बाजार की अर्थव्यवस्थाओं में विदेशी संस्थागत निवेशकों का पूंजी प्रवाह बढ़ने से घरेलू मुद्राओं में तेजी आई है और इसी के साथ संपत्ति के दाम चढ़े हैं. संपत्ति की कीमतों में अनाप-शनाप वृद्धि को रोकने के लिए आरबीआई ने बैंकों से आवास ऋण के लिए अलग से अतिरिक्त राशि रखने को कहा है.

संपत्ति के महंगा होने के मद्देनजर केंद्रीय बैंक ने आवास ऋण की सीमा को संपत्ति मूल्य के 80 प्रतिशत तक सीमित कर दिया है. साथ ही 75 लाख रुपये या अधिक के आवास ऋण पर जोखिम का भार बढ़ा दिया है.

वैश्विक संपत्ति परामर्शक जोंस लैंग लासाले मेघराज के कंट्री प्रमुख अनुज पुरी ने कहा, ‘स्पष्ट तौर पर भारतीय रिजर्व बैंक का मानना है कि प्रापर्टी बाजार में सट्टेबाजी चल रही है. वह इस पर लगाम लगाना चाहता है. इसीलिए आरबीआई ने रीयल एस्टेट क्षेत्र के लिए कड़ा रुख अख्तियार किया है. दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों को लेकर काफी होहल्ला है, पर मझोले शहरों पर यह बात लागू नहीं होती.’

Advertisement
Advertisement