अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकाम) ने आरोप लगाया है कि पुराने जीएसएम ऑपरेटरों ने ‘अनैतिक’ तरीके से 2001 से 2010 के दौरान सरकार को एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है.
आरकाम ने आरोप लगाया है कि पुराने जीएसएम आपरेटरों ने 6.2 मेगाहट्र्ज से अतिरिक्त स्पेक्ट्रम हासिल किया और सरकार को नुकसान पहुंचाया. समय समय पर इन ऑपरेटरों ने सरकार को गलत जानकारी दी.
आरकाम ने हालांकि किसी आपरेटर का नाम नहीं लिया है. पुराने ऑपरेटरों में भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर आती हैं.
आरकाम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (वायरलेस कारोबार) सैयद सफावी ने कहा, ‘पुराने 2जी आपरेटरों ने गलत जानकारी तथा तथ्यों को छिपाकर अनुचित तरीके से सरकार को 2001 से 2010 के दौरान 1,00,000 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया.
सफावी ने मांग की है कि सीबीआई को पुराने जीएसएम ऑपरेटरों की अनियमितताओं की जांच करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि डॉट के कुछ अधिकारियों के साथ मिलीभगत से इन कंपनियों ने 6.2 मेगाहट्र्ज से अतिरिक्त के स्पेक्ट्रम की जमाखोरी की.