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‘नीतीश सरकार का वित्तीय प्रबंधन ठीक नहीं’

बिहार में मुख्य विपक्षी राजद ने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार का वित्तीय प्रबंधन ठीक नहीं है और चालू वित्तीय वर्ष में योजना आकार की एक बड़ी राशि अब तक सही ढंग से खर्च नहीं हो पायी है.

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बिहार में मुख्य विपक्षी राजद ने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार का वित्तीय प्रबंधन ठीक नहीं है और चालू वित्तीय वर्ष में योजना आकार की एक बड़ी राशि अब तक सही ढंग से खर्च नहीं हो पायी है.

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बिहार विधानसभा में विरोधी दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दिकी ने आरोप लगाया कि वित्तीय जवाबदेही एवं वित्तीय प्रबंधन (एफआरबीएम) कानून लागू करने वाली राज्य सरकार का वित्तीय प्रबंधन ठीक नहीं है. पहले राज्य सरकार ने 24 हजार करोड़ रुपये का योजना आकार निर्धारित कराया और फिर प्रथम तथा द्वितीय अनुपूरक मांग से बढाकर 27365 करोड़ रुपया कराया. चालू वित्तीय वर्ष की यह राशि 31 मार्च 2012 तक खर्च करनी है लेकिन नवंबर 2011 तक प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक जो ब्यौरा आया उससे पता चलता है कि सरकार ने नवंबर महीने तक केवल 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किये थे.

सिद्दिकी ने आरोप लगाया कि चार महीने में राज्य सरकार को अब शेष 17,365 करोड़ रुपये खर्च करने है. राज्य सरकार विशाल योजना आकार मंजूर कराने में शेखी बघारती है, लेकिन अब तक केवल 30 फीसदी राशि ही खर्च हो पायी है.

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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कथित वित्तीय प्रबंधन के कारण अब शेष बची राशि के लैप्स होने का खतरा मंडरा रहा है. इसके कारण तीनों परिस्थितियों में जनता के पैसे का दुरुपयोग होगा. कई विभाग ने बहुत खराब प्रदर्शन किया है.

सिद्दिकी ने कहा, ‘हाल ही में योजना आयोग के सलाहकार एनसी सक्सेना ने अपने तथ्यात्मक आंकडों से राज्य सरकार के कथित वित्तीय कुप्रबंधन की पोल खोल दी थी. राज्य में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) में 1300 करोड़ रुपये में से केवल 780 करोड़ रुपये ही खर्च हुए हैं.’ राजद नेता ने आरोप लगाया कि सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) में सरकार केंद्र से प्राप्त राशि का केवल 52 फीसदी ही खर्च कर पाया है.

उन्होंने बिहार सरकार पर जनता पर भारी कर्ज लादने का भी आरोप लगाया.

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