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‘राहुल को राष्ट्रद्रोह व राष्ट्र प्रेम का फर्क नहीं पता’

भाजपा ने राहुल गांधी के संघ की तुलना प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी से करने के के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि ‘सोने के चम्मच से खाने वाले को राष्ट्र द्रोह और राष्ट्र प्रेम का फर्क कहां पता होगा.’

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भाजपा ने राहुल गांधी के संघ की तुलना प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी से करने के के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि ‘सोने के चम्मच से खाने वाले को राष्ट्र द्रोह और राष्ट्र प्रेम का फर्क कहां पता होगा.’

भाजपा के प्रवक्ता संजय सेठ ने पत्रकारों से कहा, ‘राहुल गांधी को क्या पता होगा कि राष्ट्र प्रेम क्या होता है. सोने के चम्मच से खाने वाले को जमीनी हकीकत से कम ही वास्ता होता है.’

राहुल गांधी के बुधवार को भोपाल में दिये गये उस बयान की उन्होंने कड़ी भर्त्सना की जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की सिमी से तुलना करते हुए कहा था कि दोनों की विचारधारा में कोई फर्क नहीं है.

सेठ ने कहा कि प्रदेश भाजपा ने बैठक कर राहुल गांधी के इस बयान को गैरजिम्मेदाराना और बचकाना बताया साथ ही कहा कि इटली से राजनीति सीखने वाले को राष्ट्रवाद और आतंकवाद का फर्क कहां पता होगा.

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भाजपा ने आरोप लगाया कि ड्राइंग रुम राजनीति करने वाले नेताओं को 120 करोड़ लोगों के भारत देश में सिर्फ एक कलावती मिलती है और वह उसका भी दर्द दूर नहीं कर पाते और सिर्फ उसका दुखडा रोते हैं. {mospagebreak}

पार्टी राहुल गांधी के कलावती नामक एक महिला के दर्द के बयान को उद्धृत कर रही थी. सेठ ने कहा कि राहुल गांधी को अभी बहुत कुछ सीखना है और यह भी समझना है कि उन्हें शिक्षा देने वाले लोग उन्हें भ्रमित कर रहे है.

उन्होंने कहा, ‘उन्हें अब तक लगता है अच्छे और बुरे का फर्क ही नहीं पता चल सका है. उन्हें जो लिख कर दे दिया जाता है अथवा जो समझा दिया जाता है वह बोलने लगते है. ‘संघ की राष्ट्र भक्ति और राष्ट्र में हर समय और विशेष कर आपत्ति काल में संध की सेवाओं से भारत ही नहीं पूरा विश्व परिचित है. आज संघ से बड़ा विश्व में कोई भी सामाजिक संगठन नहीं है.

उन्होंने कहा कि जमीनी हकीकत जानने और समझने में यहां की मिट्टी में पैदा होने वाले और पलने बढ़ने वालों को भी दशकों लग जाते है लेकिन यहां तो इटली की संस्कृति से एकाएक भारत पहुंचे राहुल बिना सोचे समझे अनाप शनाप बातें करने लग गये और उनके बचाव में शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व द्वारा दिये जा रहे बयानों से साफ है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व उन्हें गलत रास्ते पर ले जाने के लिए उतारु है.

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