राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्व प्रमुख के सी सुदर्शन के सोनिया गांधी के खिलाफ दिये गये बयानों पर सरसंघचालक मोहनराव भागवत ‘नो कमेंट’ कहते हुये मीडिया से बच कर निकल गये. पत्रकारों द्वारा बहुत कुरेदे जाने पर उनका एक ही जवाब था ‘नो कमेंट’. इसके बाद वह पत्रकारों के सवालों से बचते हुये तुरंत अपनी गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए.
कानपुर के मोतीझील लॉन में शनिवार शाम राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के स्वंयसेवक एकत्रीकरण में भाग लेने के लिये मोहनराव भागवत शहर में थे. कार्यक्रम के बाद पत्रकारों ने उनसे सुदर्शन के बयान के बारे में कई बार पूछा लेकिन वह केवल मुस्कुराते हुये ‘नो कमेंट’ कहते रहे और बाद में गाड़ी में बैठकर चले गये.
उनके इर्द गिर्द आरएसएस के स्वयं सेवकों का इतना जबर्दस्त घेरा था कि लाख चाहने के बावजूद मीडिया के लोग उन तक नही पहुंच सके और वह पत्रकारों के सवालों से बचते हुये वहां से चले गये.
इससे पहले मोतीझील लॉन में आये स्वंयसेवकों को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि संघ के संस्थापक डॉ के बी हेडेगेवार शुरुआती दिनों में कांग्रेस से जुड़े थे और उन्होंने आजादी के आंदोलन में भी भाग लिया था. उनके सबसे अच्छे संबंध थे लेकिन बाद में 1925 में दशहरे के दिन उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना की और उसी दिन से संघ का एक ही उददेश्य था कि अपने राष्ट्र को परम संपन्न और खुशहाल राष्ट्र बनाने के लिये ऐसे नागरिकों को तैयार करना जो प्रेम और अपने अनुशासनप्रिय आचरण के साथ समाज के सामने अपनी एक अलग छवि प्रस्तुत करें ताकि समाज के अधिक से अधिक लोग उनसे जुड़ सकें.