संघ परिवार की भावी रणनीति पर चर्चा के लिए पिछले दो दिनों से गुजरात में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी के बावजूद उनके और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात नहीं हुई जिससे यहां ऐसी अटकलों का बाजार गर्म है कि सब ठीक-ठाक नहीं चल रहा.
आरएसएस के सूत्रों ने बताया कि आठ और नौ सितंबर को वड़ोदरा के नजदीक कायावरोहण में हुई एक निर्णायक बैठक में संघ परिवार के करीब 60 वरिष्ठ सदस्यों ने शिरकत की और 2014 के आम चुनाव सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.
सूत्रों ने कहा कि मोहन भागवत और अन्य सदस्यों सहित आरएसएस के शीर्ष नेताओं ने कायावरोहण में दो दिन बिताए लेकिन मोदी और उनके बीच कोई मुलाकात नहीं हुई. कायावरोहण राज्य की राजधानी गांधीनगर से करीब 100 किलोमीटर दूर है.
आरएसएस के गुजरात प्रचार प्रमुख (मीडिया प्रकोष्ठ के प्रभारी) प्रदीप जैन ने कहा, ‘कायावरोहण में हुई बैठक पूरी तरह आरएसएस का एक कार्यक्रम था जिसके लिए सिर्फ संगठन के शीर्ष नेताओं को आमंत्रित किया गया था. बाकी किसी को भी आमंत्रित नहीं किया गया था.’
सूत्रों ने कहा, ‘मुख्यमंत्री की ओर से एक बैठक का अनुरोध किया गया था लेकिन विनम्रता से इससे इनकार कर दिया गया.’
गौरतलब है कि मोदी और संघ परिवार के संगठनों के बीच के संबंध अभी बहुत अच्छे नहीं हैं. विश्व हिन्दू परिषद ने साल 2002 में हुए दंगों के मामलों को सही तरीके से नहीं संभाल पाने की वजह से मोदी सरकार की आलोचना करने वाले बयान जारी किए थे.