कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि आरटीआई अधिनियम का ‘दुरूपयोग’ हो रहा है और अधिकारियों तथा न्यायाधीशों को भी महसूस हो रहा है कि यह कानून सरकारी कामकाज में हस्तक्षेप कर रहा है.
खुर्शीद ने कहा, ‘बेशक, इसका दुरूपयोग हो रहा है. लेकिन आपको आरटीआई अधिनियम की उपयोगिता के साथ इसके दुरूपयोग को भी समझना होगा.’ कॉरपोरेट मामलों के मंत्री वी वीरप्पा मोइली द्वारा इस बारे में की गई हालिया टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर खुर्शीद ने कहा, ‘न केवल सरकारी अधिकारी या मंत्री इस बात को महसूस कर रहे हैं, बल्कि न्यायाधीश भी इसे महसूस कर रहे हैं.’
गौरतलब है कि मोइली ने कहा था सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम सरकारी कामकाज में हस्तक्षेप कर रहा है.
खुर्शीद ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘एक खंड पीठ कोई फैसला सुनाती है और हमारे पास एक आरटीआई अर्जी होती है कि एक न्यायाधीश खामोश क्यों थे? इस तरह के सवालों का जवाब देना मुश्किल है.’
हालांकि, आरटीआई अधिनियम का खंड आठ छूट प्रदान करने के कई उपबंधों की व्यवस्था करता है, जो न्यायिक और अदालत में विचाराधीन सूचनाओं को इस कानून के दायरे से बाहर रखता है. उन्होंने कहा कि आरटीआई अधिनियम को व्यापक विचार विमर्श के बाद लागू किया गया.
कार्मिक मामलों के राज्य मंत्री वी नारायणसामी ने कहा कि सरकार ने 6. 05 लाख आरटीआई आवेदन प्राप्त किए और इनमें से 90 फीसदी का निपटारा किया गया.