जापान में परमाणु आपदा रोकने के लिए संघषर्रत कर्मचारी भूकंप प्रभावित फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के सभी छह रियेक्टरों की बिजली की लाइनें फिर से जोड़ने में सफल हो गये हैं, जो विकिरण लीक से जूझ रहे इस परिसर के नियंत्रण के कार्य में एक महत्वपूर्ण सफलता है.
यह सफलता ऐसे समय में हासिल हुई है, जब भूकंप और सुनामी प्रभावित जापान में बुधवार को फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. रिक्टर पैमाने पर इनकी तीव्रता 6.6 थी.
क्योदो संवाद समिति के अनुसार संयंत्र संचालक तोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (टेपको) ने कहा कि फुकुशिमा डायची परमाणु संयंत्र में लगातार काम कर रहे इंजीनियरों ने सभी छह रियेक्टरों को बाहरी बिजली से जोड़ दिया, जो बहुत बड़ी राहत की बात है.
बिजली बहाल करने और इस्तेमालशुदा ईंधन वाले पूल को ठंडा करने की राह में नंबर दो और तीन के रियेक्टरों से धुंआ उठने से बाधा आने के बाद भी यह सफलता मिली है.
दूसरी ओर विशेषज्ञों के मुताबिक फुकुशिमा परमाणु संकट के कारण जापान को वर्षों तक परमाणु सफाई से जूझना पड़ेगा और यह काम बेहद खर्चीला साबित होगा.{mospagebreak}
विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल इस काम पर आने वाले खर्च के बारे में विश्वसनीय अनुमान लगा पाना असंभव है, क्योंकि फुकुशिमा नंबर एक संयंत्र के इंजीनियर अब भी आपातकालीन परिस्थितियों से जूझ रहे हैं और नुकसान तथा विकिरण संबंधी आंकड़े फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि संयंत्र को स्थिर अवस्था में ले आने के बावजूद कई वर्षों तक काम करना बाकी होगा और इस पर होने वाला खर्च अरबों डॉलर का होगा.