करीब 20 दिन पहले दिल्ली के मायापुरी में कोबाल्ट के रेडिएशन से प्रभावित हुए एक शख्स की एम्स में मौत हो गई. पिछले दो दिनों से उसकी तबियत अचानक बिगड़ने लगी और आखिरकार डॉक्टर कोबाल्ट से हुए रेडिएशन के हमले का काट ढूंढने में नाकाम रहे.
एम्स में भर्ती राजेंद्र नाम का युवक कोबाल्ट 60 के हमले को झेल नहीं पाया और कई दिनों तक मौत से जुझने के बाद उसकी जिंदगी ने हार मान ली. सोमवार रात करीब 9 बजे उसने दिल्ली के एम्स में दम तोड़ दिया. उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर का रहने वाला राजेंद्र पिछले 2 दिनों से वेंटिलेटर पर था और उसकी प्लेटलेट्स लगातार घटती जा रही थी.
राजेंद्र को एम्स के आइसोलेशन वॉर्ड में रखा गया था लेकिन उसके रिश्तेदारों का आरोप है कि आसोलेशन वॉर्ड में खास सुविधाओं और इलाज की सहूलियत बिलकुल नदारद थी. अप्रैल के पहले सप्ताह में घटना के सामने के बाद जांच में ये बात साफ हो गई थी कि मायापुरी के कबाड़ में मौजूद रेडियोधर्मी आइसोटोप कोबाल्ट 60 की वजह से ही रेडिएशन फैला था. लेकिन इसके असर से हुई पहली मौत के बाद अब खतरा उन दो मरीजों पर आ चुका है जिनकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है.
राजेंद्र की तो मौत हो गई लेकिन जिस दीपक जैन की दुकान में वो काम करता था वो भी रेडिएशन के खतरे से बाहर नहीं. राजेंद्र की मौत की वजह का पता तो चल चुका है लेकिन उसके असली गुनहगार अभी भी सलाखों के बाहर घूम रहे हैं जिनकी वजह से कोबाल्ट 60 जैसा खतरनाक रेडियोएक्टिव आइसोटोप दिल्ली के एक रिहाइशी में पहुंचने में कामयाब रहा.