जापान में रेडिएशन का स्तर कम ज़रूर हुआ है, लेकिन फ़ुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट के दो रिएक्टरों में आग अब भी सुलग रही है. वहां हालात पर काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
फुकुशिमा के रिएक्टरों को ठंडा करने के उपाय लगातार किए जा रहे हैं. हालांकि आईएईए ने उम्मीद जताई है कि जापान से रेडिएशन का ख़तरा जल्द ही ख़त्म हो जाएगा. परमाणु विनाश के खतरे से जूझ रहा जापान परमाणु रिएक्टरों से रेडिएशन रोकने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है.
फुकुशिमा के एटमी रिएक्टर नंबर 3 से धुआं उठना तो बंद हो गया, लेकिन रिएक्टर के भीतर आग अब भी सुलग रही है. ये आग फ़िलहाल क़ाबू में है, लेकिन इसके बढ़ने का ख़तरा अब भी बना हुआ है.
रिएक्टर नंबर 3 से जैसे ही धुआं उठता दिखा, प्लांट में मौजूद कर्मचारियों को वहां से हटा दिया गया. उधर, रिएक्टर नंबर 2 से अब भी सफेद धुआं निकल रहा है. दोनों रिएक्टरों को ठंडा करने के लिए पिछले दो दिनों से पानी की बौछार लगातार छोड़ी जा रही है.{mospagebreak}
जापान की न्यूक्लियर सेफ्टी एजेंसी ने इस हालत के लिए उन लोगों को जिम्मेदार ठहराया है, जिनके ऊपर इन रिएक्टरों की देखभाल की जिम्मेदारी है. न्यूक्लियर सेफ्टी एजेंसी का कहना है कि भूकंप और सुनामी से पहले न्यूक्लियर प्लांट में रखे गए संवेदनशील औजारों की सही जांच नहीं की गई, जिसके कारण ये हालात बने. जापान की न्यूक्लियर सेफ्टी एजेंसी के मुताबिक बेकअप जनरेटर्स को बेसमेंट में रखा गया था, जहां सुनामी का पानी पहुंच गया.
फिलहाल पिछले दो-तीन दिनों की मशक्कत के बाद जापान ने रेडिएशन का स्तर कम होने का दावा किया है. इंटरनेशनल एटोमिक एनर्जी एजेंसी ने भरोसा जताया है कि जापान जल्द ही इस संकट से बाहर निकल आएगा.