प्रदेश की राजधानी लखनऊ के छात्रों से संवाद स्थापित करने पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी को मंहगाई और भ्रष्टाचार के सवाल पर आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोशिएसन (आइसा) और इंकलाबी नवजवान सभा के कार्यकर्ताओं की उग्र नारेबाजी का सामना करना पड़ा.
लखनऊ रेलवे स्टेशन के सामने स्थित रवीन्द्रालय सभागार में छात्रों से संवाद के बाद राहुल गांधी का काफिला जैसे ही सभागार परिसर से बाहर निकला. वहां झंडे बैनर लेकर पहले से जुटे वामपंथी छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भ्रष्टाचार और बढ़ती मंहगाई के विरोध में जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी और उनके काफिले को रोकना चाहा. मगर मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियो ने उन्हें वहां खदेड़ दिया.
आइसा के प्रभारी सुधांशु बाजपेयी और इंकलाबी नवजवान सभा के प्रदेश अध्यक्ष बालमुकुन्द धुरिया के नेतृत्व में वामपंथी छात्र संगठनो के कार्यकर्ताओ ने ‘कांग्रेस के युवराज मंहगाई और भ्रष्टाचार पर रोक लगाओ’ के नारे लगाये और यह भी कहा कि छात्रो के साथ संवाद का ड्रामा बंद करके उनके लिए रोजी रोजगार की व्यवस्था करो.
बाजपेयी एवं धुरिया ने बाद में कहा कि उनका विरोध केन्द्र सरकार द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम, राष्ट्रमंडल खेलों और आदर्श सोसाइटी के घोटालेबाजों को केन्द्र सरकार की तरफ से मिल रहे संरक्षण पर केन्द्रित था.
केन्द्र घोटालेबाजों को संरक्षण देना बंद करे और मंहगाई पर लगाम लगाये तथा कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी छात्रों से संवाद कायम करने का नाटक बंद करके उनके लिए रोजी रोजगार की व्यवस्था किये जाने की तरफ ध्यान दें.
कांग्रेस महासचिव को उन छात्रो की नारेबाजी से भी दो चार होना पड़ा जो उनके संवाद सत्र में शामिल होना चाहते थे. मगर किन्हीं कारणों से सभागार में प्रवेश नहीं पा सके. हालांकि उनके नारे कांग्रेस और राहुल के पक्ष में तथा पुलिस के विरोध में थे.