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राहुल ने पहली बार महसूस की विरोध की आंच

खासकर युवा मतदाताओं को रिझाकर उत्तर प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस की वापसी के लिये महत्वाकांक्षी मिशन-2012 चला रहे पार्टी महासचिव राहुल गांधी को राज्य के अपने दो दिवसीय दौरे में पहली बार महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर नौजवानों के ही तीखे विरोध का सामना करना पड़ा.

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खासकर युवा मतदाताओं को रिझाकर उत्तर प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस की वापसी के लिये महत्वाकांक्षी मिशन-2012 चला रहे पार्टी महासचिव राहुल गांधी को राज्य के अपने दो दिवसीय दौरे में पहली बार महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर नौजवानों के ही तीखे विरोध का सामना करना पड़ा.

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प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मोर्चे पर जीत के लिये मिशन 2012 में अपनी तमाम ताकत झोंक रहे राहुल ने गत दस जनवरी से शुरू हुए राज्य के अपने दो दिवसीय दौरे पर छात्र-छात्राओं तथा युवाओं से मुलाकात कर उनके सवालों के जवाब देने के वास्ते इलाहाबाद, लखनऊ, झांसी और आगरा की यात्रा की.

बहरहाल, समाजवादी पार्टी (सपा), वामदल तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समेत विपक्षी दलों ने राहुल का विरोध करने के लिये अपने युवा कार्यकर्ताओं का इस्तेमाल किया और वह इसके जरिये मीडिया का ध्यान खींचने में काफी हद तक कामयाब भी रहे. सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा ‘राहुल का युवाओं से मिलना कांग्रेस प्रायोजित एजेंडा है. प्रदेश के नौजवान प्रचार के इन हथकंडों को अच्छी तरह समझ गए हैं. वे जानते हैं कि बड़ी-बड़ी बातें किये जाने के बावजूद उनके लिये कुछ नहीं किया गया.’ {mospagebreak}

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उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल के दौरे के वक्त युवाओं का विरोध प्रदर्शन स्वाभाविक है क्योंकि महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार की जननी कांग्रेस की नीतियों को लेकर उनके अंदर गुस्सा भर चुका है. सपा से जुड़े युवाओं ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में राहुल को काले झंडे दिखाए, वहीं इलाहाबाद में तो वे उनके काफिले के आगे ही कूद पड़े.

वाममोर्चे के युवाओं के संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) और भाजपा की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के कार्यकर्ताओं ने भी राहुल का जोरदार विरोध किया. इन युवाओं ने छात्रसंघ चुनावों की बहाली की मांग की और महंगाई के प्रति विरोध जताया.

भाजपा नेता विंध्यवासिनी कुमार ने कहा ‘राहुल का विरोध करने पर जहां वाराणसी में करीब 80 छात्रों को हिरासत में लिया गया, वहीं इलाहाबाद में 11 छात्रों को ऐसी ही पुलिस कार्रवाई का सामना करना पड़ा. बड़ी संख्या में नौजवानों ने राहुल का खुला विरोध किया जिससे यह जाहिर होता है कि प्रदेश में कांग्रेस महासचिव का जादू नहीं चल पा रहा है.’ {mospagebreak}

कुमार ने कहा ‘राहुल ने वर्ष 2007 के राज्य विधानसभा चुनाव और वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कामयाबी दिलाने के लिये प्रदेश का दौरा और रोड शो समेत तमाम तामझाम किया था लेकिन तब उन्हें नौजवानों के ऐसे तीखे विरोध का सामना नहीं करना पड़ा था. अगले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने का सपना देख रही कांग्रेस के लिये असलियत पर गौर करने की जरूरत का स्पष्ट संकेत है.’

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राहुल को झांसी में मंगलवार को बुंदेलखण्ड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा. राहुल से मुलाकात करने से रोके जाने पर मोर्चा कार्यकर्ताओं ने उनकी कार पर विरोधी नारे लिखे पर्चे फेंके. इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. कांग्रेस महासचिव का विरोध यहीं नहीं रुका. {mospagebreak}

दिल्ली के बटला हाउस कांड के बाद सुखिर्यों में आई उलेमा काउंसिल के सदस्यों ने भी राहुल का विरोध किया. बहरहाल, कांग्रेस नेता सुबोध श्रीवास्तव का कहना है कि सस्ती लोकप्रियता पाने के लिये कुछ मुट्ठी भर लोगों ने राहुल का विरोध किया है. उन्होंने दावा किया कि विपक्षी पार्टियां प्रदेश के सभी वर्गो में खासकर युवाओं में राहुल के बढ़ते प्रभाव से घबराई हुई हैं और कांग्रेस महासचिव के दौरे के वक्त उन्होंने अपनी छटपटाहट दिखाने की कोशिश की है.

इस बीच, राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि मंगलवार को खत्म हुए राहुल के दो दिवसीय दौरे के वक्त विपक्षी दलों के रवैये से यह स्पष्ट हुआ है कि वे महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर राहुल को भी घेरने का मौका नहीं चूकना चाहते.

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