कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को ऐतिहासिक बताया है, जिसमें उसने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के खिलाफ एक लड़की को बंद करके रखने के आरोप को खारिज कर दिया. पार्टी ने आगाह किया कि निराधार आरोप राजनीति के लिए खतरनाक हैं.
घटिया आरोप राजनीति के लिए खतरनाक
आदेश पर व्यापक नजरिया अपनाने पर जोर देते हुए पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, ‘जिस तरीके से आजकल बेहद घटिया, निम्नस्तरीय आरोप राजनीति के मैदान में लगाए जा रहे हैं, वे राजनीति के लिए खतरनाक हैं.’
याचिकाकर्ता पर लगा भारी जुर्माना
द्विवेदी ने कहा कि शीर्ष अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता ने राहुल गांधी की सार्वजनिक छवि और प्रतिष्ठा को गलत तरीके से और जानबूझकर धूमिल करने और क्षति पहुंचाने के लिए अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया था. उन्होंने कहा कि न्यायालय ने याचिकाकर्ता द्वारा अदालत का दुरुपयोग करने के 16 कारणों का हवाला दिया. इसमें झूठ, तथ्यों की गलत बयानी और उच्चतम न्यायालय के समक्ष गलत हलफनामा दायर करना शामिल है. द्विवेदी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भारी जुर्माने के साथ राहुल गांधी के खिलाफ ‘गलत, तुच्छ और राजनीति से प्रेरित’ याचिका को खारिज कर दिया. इसमें शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता के खिलाफ 10 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया है.
नहीं पाया गया कोई सबूत
द्विवेदी ने शीर्ष अदालत के आदेश को उद्धृत करते हुए कहा, ‘गांधी ने अवैध रूप से कैद करके नहीं रखा या बलात्कार नहीं किया और आरोप पूरी तरह गलत, बिना दम के और रत्ती भर भी सबूत के बिना हैं.’ उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ सीबीआई जांच जारी रहेगी और सीबीआई को छह महीने के भीतर न्यायालय को रिपोर्ट करना है जिसमें याचिकाकर्ता किशोर समरीते द्वारा शीर्ष अदालत के समक्ष अपनाए गए विरोधाभासी रुख भी शामिल है.
सपा की ओर उठी उंगली
द्विवेदी से समरीते के पूर्व के बयान के बारे में पूछा गया था जिसमें उसने कहा था कि उसने समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर शिकायत दायर की थी. तृणमूल कांग्रेस के संप्रग सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी सरकार को बाहर से समर्थन देने वाली महत्वपूर्ण सहयोगी पार्टी है.